मोदी सरकार 2.0 में मंत्री गिरिराज सिंह के ताजा बयान से नया विवाद खड़ा हो सकता है। गुरुवार 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर उन्होंने देश की बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए इशारों-इशारों में एक समुदाय विशेष पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि धार्मिक व्यवधान के कारण जनसंख्या नियंत्रण में अड़चन आ रही है और देश 1947 की तरह ही सांस्कृतिक विभाजन की ओर बढ़ रहा है। गिरिराज सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, हिंदुस्तान में जनसंख्या विस्फोट अर्थव्यवस्था, सामाजिक समरसता और संसाधन का संतुलन बिगाड़ रहा है। जनसंख्या नियंत्रण पर धार्मिक व्यवधान भी एक कारण है, हिंदुस्तान 47की तर्ज़ पर सांस्कृतिक विभाजन की ओर बढ़ रहा है। सभी राजनीतिक दलों को साथ हो जनसंख्या नियंत्रण क़ानून के लिए आगे आना होगा।
गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया, ‘हिंदुस्तान में जनसंख्या विस्फोट अर्थव्यवस्था सामाजिक समरसता और संसाधन का संतुलन बिगाड़ रहा है। जनसंख्या नियंत्रण पर धार्मिक व्यवधान भी एक कारण है, हिंदुस्तान 1947 की तर्ज पर सांस्कृतिक विभाजन की ओर बढ़ रहा है। सभी राजनीतिक दलों को साथ हो जनसंख्या नियंत्रण क़ानून के लिए आगे आना होगा।’
जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे को गिरिराज सिंह पहले भी उठाते रहे हैं। कुछ महीनों पहले भी उन्होंने ट्वीट कर इसपर चिंता जाहिर की थी। तब उन्होंने कहा था, ‘बढ़ती जनसंख्या और उसके अनुपात में घटते संसाधन को कैसे झेल पाएगा हिंदुस्तान? जनसंख्या विस्फोट हर दृष्टिकोण से हिंदुस्तान के लिए खतरनाक।’ गिरिराज सिंह अक्सर जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे पर समुदाय विशेष पर निशाना साधते रहे हैं जिसके बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो जाता है।
बता दें कि यूएन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था भारत अब से 8 साल बाद यानी 2027 तक चीन को पीछे छोड़कर सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सदी के अंत तक दुनिया की आबादी करीब 11 अरब होगी। फिलहाल, भारत की आबादी करीब 1.36 अरब और चीन की 1.42 अरब है। इस रिपोर्ट में ऐसी संभावना जताई गई है कि 2050 तक भारत 164 करोड़ जनसंख्या के साथ टॉप पर पहुंच जाएगा। इसके मुताबिक, साल 2050 तक विश्व की कुल आबादी की आधी जनसंख्या केवल 9 देशों में होगी जिसमें भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, इथियोपिया, मिस्र, तंजानिया, कांगो और अमेरिका शामिल हैं।