जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व वीसी सुधीर कुमार सोपोरी ने कैंपस में छात्रों और शिक्षकों पर हुए ह’मले की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि मुझे जेएनयू में 25 साल से अधिक काम करने का अनुभव है। कैंपस में हिं’सा की हालिया घट’नाएं बहुत ही निराशाजनक हैं। अविश्वास के कारण ऐसी परिस्थितियां बनी हैं। संचार में कमी से विश्वास में कमी आती है।”
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि प्रशासन को छात्रों से बात करने की पहल करनी चाहिए। जब मैं वहां था, मेरे दरवाजे हमेशा छात्रों के लिए खुले थे। मेरे पास हमेशा छात्रों की मांगों की एक डायरी थी। जिन मांगों को पूरा किया जा सकता था, उनके अनुसार उपाय किए गए थे।
वहीं जेएनयू के मामले में पुलिस की प्रेसवार्ता में हुए खुलास के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लोकसभा में जिन पार्टियों के पास गिनती की सीटें हैं वे जेएनयू में प्रदर्शन कर मोदी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास में जुटे हैं। लेकिन, वे अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाएंगे।
JNU में बाहरी, अनधिकृत छात्र या अतिथि के पाए जाने पर नियमों के तहत होगी कार्रवाई, डीन का बयान
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के डीन ने बयान जारी कर कहा है, “अगर कोई बाहरी, अनधिकृत छात्र, अतिथि कमरे में (JNU में किसी भी छात्रावास में) पाया जाता है तो नियमों के अनुसार, उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
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वहीं दूसरी तरफ जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष व बेगूसराय से लोकसभा प्रत्याशी रहे कन्हैया कुमार ने सरकार पर आरोप कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा है कि सरकार छात्रों के सवालों को सुनने को तैयार नहीं है। आगे कन्हैया ने कहा कि जेएनयू के बिगड़ते हालातों के लिए जेएनयू के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार को जिम्मेदार हैं। मौजूदा वाइस चांसलर यूनिवर्सिटी का संचालन करने में समर्थ नहीं है। जब से उन्हें जिम्मेदारी दी गई है विश्वविद्यालय किसी न किसी मुद्दे को लेकर प्रदर्शन कर ही रहा है।