आज भारत में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर एनडीटीवी के जाने-माने पत्रकार रवीश कुमार ने अपनी फेसबुक वाल पर एक पोस्ट शेयर कर भारतवासियों को बधाई दी है: एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार ने अपनी फेसबुक वॉल पर इस पोस्ट के जरिए लोगों को संविधान के बारे में जागरूक करते हुए लिखा है कि गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ। संविधान हमारे राष्ट्रीय जीवन की आत्मा है। सौ साल के संघर्ष से निकला है। यह एक दस्तावेज़ है जो अतीत की जड़ताओं से नहीं निकला है। संविधान सभा वर्तमान की कटुता से भी प्रभावित नहीं थी। दंगों और नफ़रतों के प्रभाव में प्रतिक्रियावादी नहीं हो रही थी। संविधान सभा उस तूफ़ान में भी भविष्य के सपने देख रही थी।

आने वाले भारत के नागरिक के लिए अधिकार गढ़ रही थी। संविधान न तो ईश्वर की दी हुई किताब है और न ईश्वर की अराधना है। यह नागरिकों का ग्रंथ है। इसके आधार पर होने का प्रयास कीजिए। न्याय ऊपरवाला नहीं देता है और न ही अधिकार देता है।
इंसाफ मिलता है संविधान की बनाई संस्थाओं और उसे लागू करने की जवाबदेही से। उसे मज़बूत कीजिए और मज़बूत होने की चाहत रखिए। समता और भाईचारा के रास्ते पर बढ़ते चलिए। हम संविधान पढ़ें। पढ़ते रहें। उसे जानें और समझें। घर में संविधान की एक प्रति रखिए। परीक्षा में पास होने के लिए नहीं, भारतीयता के संकल्पों को निभाते रहने के लिए।

एक लड्डू उस संविधान निर्माता के नाम भी, जिसे कोई अपने हाथ से पानी भी नहीं पिलाता था। संविधान पर ड्राफ़्ट कमेटी के चेयरमैन डॉ अंबेडकर की ज़िंदगी के तल्ख़ अनुभव की छाप नहीं दिखेगी। बहस में न अनुच्छेदों में। आप सभी को बधाई। मिठाई खा लीजिएगा। लड्डू न मिले तो जलेबी खा लीजिएगा ! लेकिन उससे पहले संविधान का कोई भी पन्ना पढ़ना होगा। आज संविधान लागू हुआ था। याद रखिएगा।