याद कीजिए साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने नरेंद्र मोदी ने भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि भारत से वह भ्रष्टाचार को खत्म कर विदेशों में बड़ा काला धन वापस लाएंगे और इसके साथ देश की जनता के बैंक अकाउंट में 15 15 रुपए भी डाले जाएंगे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे विनाशकारी फैसले लेकर देश को बर्बाद करने का काम किया है।
एक तरफ जहाँ देश में बेरोज़गारी और गरीबी लगातार बढ़ रही है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के राज में देश भ्रष्टाचार ऐसे स्तर पर पहुंच चुका है कि विदेशों में भी इसकी चर्चा हो रही है। इस मामले में एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है कि कौन मानता है इस देश में कि लूट सौ फ़ीसदी ख़त्म हो गई है। प्रधानमंत्री ने एक क़ानून बनाया है। राजनीतिक दल को चंदा देने का क़ानून। यह क़ानून पूरी तरह अपारदर्शी है।

दूसरा दलों को जो चंदा मिलता है उसका पचास प्रतिशत दाताओं के नाम मालूम नहीं होते। हाल ही में पूर्व चुनाव आयुक्त ने रिटायर होने पर कहा कि नोटबंदी के बाद भी चुनावों में काले धन का इस्तमाल नहीं होता है। विधायकों की ख़रीद फ़रोख़्त की ख़बरें आ रही हैं। क्या वो सब ख़र्चा ईमानदारी के पैसे से हो रहा है? क्या प्रधानमंत्री कुछ भी बेलने के लिए रैलियाँ कर रहे हैं ?

आप भी इंटरनेट में राशन घोटाला लिखकर सर्च करें। झारखंड और यूपी से ही कई ख़बरें मिलेंगीं। स्कालरशिप की हालत ये है कि पीएचडी के छात्र आंदोलन कर रहे हैं कि समय से नहीं मिलती है और बहुत कम मिलती है। देश में जल्द ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, जनता को मोदी सरकार की बातों पर ध्यान न देते हुए सभी पहलुओं के बारे में सोच कर अपना वोट देना होगा।