देश में १२ साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को फांसी देने की मांग पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश को शनिवार को मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।
खबर सामने आ रही है कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पॉक्सो एक्ट में संशोधन और भगोड़े आर्थिक अपराधी अध्यादेश 2018 को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति ने भी बिना देर किए इन पर मुहर लगा दी है।
राष्ट्रपति से दोनों अध्यादेशों को मंजूरी मिलते ही अब ये कानून बना गया है। जिसके चलते अब 12 साल तक की मासूम बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा दी जायेगी।
गौरतलब है कि दिसंबर 2012 के निर्भया मामले के बाद जब कानूनों में संशोधन किए गए तो बलात्कार के बाद महिला की मौत हो जाने या उसके मृतप्राय होने के मामले में एक अध्यादेश के माध्यम से मौत की सजा का प्रावधान शामिल किया गया जो बाद में आपराधिक कानून संशोधन एक्ट बन गया।
जम्मू कश्मीर के कठुआ और गुजरात के सूरत जिले में हाल ही में लड़कियों से बलात्कार और हत्या की घटनाओं के बाद यह कदम उठाया गया है। नाबालिग बच्चियों के साथ रेप की घटनाओं ने देश को झकझोर कर रख दिया है, जिसके बाद सरकार ने नाबालिगों से रेप करने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करने का फैसला लिया है।
कठुआ में 8 साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के बाद से ऐसे अपराध के लिए देश में फांसी की सजा की मांग उठ रही थी। इसके चलते लोगों ने काफी विरोध प्रदर्शन भी किए हैं और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल इस सिलसिले में आमरण अनशन पर भी बैठी हुई थी।