नई दिल्ली : राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने वाईएसआर कांग्रेस द्वारा पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने के आरोपों पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि उनका दिल देश, संविधान और भारत की जनता में बसता है.
राज्यसभा में शून्यकाल आरंभ होते ही वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी ने कहा कि पिछले सत्र में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के एक सदस्य ने इस सदन में एक ‘आपत्तिजनक’ मामला उठाया था.
उन्होंने कहा कि इस मामले को उठाया नहीं जाना चाहिए था, इसे सदन की कार्यवाही से निकाला जाना चाहिए.
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सभापति नायडू ने इस पर व्यवस्था दी कि संबंधित सदस्य उन्हें लिखित में अपनी आपत्ति जता सकते हैं, उन्होंने कहा, ‘यदि कुछ आपत्तिजनक होगा और नियम उसकी इजाजत नहीं देते हैं तो मैं आवश्यक कार्रवाई करूंगा.
लेकिन इसके बावजूद रेड्डी अपनी सीट से कुछ बोलते रहे और इसी दौरान उन्होंने नायडू पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया.
इस पर कांग्रेस के जयराम रमेश और बीजू जनता दल के प्रसन्ना आचार्य ने वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य रेड्डी द्वारा सभापति पर लगाए गए आरोपों पर आपत्ति जताई और उन पर कार्रवाई की मांग की, आचार्य ने कहा, ‘इसकी निंदा की जानी चाहिए, कार्रवाई होनी चाहिए.
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नायडू ने कहा मुझे आज बहुत दुख हुआ है, ऐसा कभी पहले सदन में नहीं हुआ है, जिस दिन मैंने यह पद धारण किया था, उसी दिन मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
उसके बाद से मैं किसी राजनीतिक कार्यक्रम में नहीं गया, नायडू कहा कि ऐसे आरोपों से उन्हें दुख जरूर हुआ है लेकिन वह घबराने वाले नहीं हैं.