नई दिल्ली : राजस्थान के पंचायत चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने सूबे के नगर परिषद और नगरपालिका की चुनाव में जबरदस्त वापसी की है जबकि BJP को तगड़ा झटका लगा है.
शहरी निकायों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस सबसे ज्यादा वार्डों में जीत दर्ज करने में सफल रही, वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे हैं जबकि BJP नंबर एक से खिसककर तीसरे नंबर पर पहुंच गई है.
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शहरी इलाका BJP का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है, इसके बाद भी पार्टी शहरी चुनाव में जीत दर्ज नहीं कर सकी है, इस तरह से BJP ने अपने कब्जे वाली तीस निकायों में बहुमत गवां दिया है.
12 जिलों की 50 नगर निकाय में 43 नगर पालिका और 7 नगर परिषद के 1775 वार्डों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं, कांग्रेस को 620 वार्डों में जीत मिली है, जबकि निर्दलीयों के खाते में 595 वार्ड आए हैं.
BJP को 548 वार्डों में जीत मिली हैं, इसके अलावा बसपा के 7, सीपीआई के 2, एम के 2 और आरएलपी के 1 सीट मिली है.
बता दें कि राजस्थान के 2015 के इन 50 निकाय चुनाव में में से 34 शहरों में BJP अपना कब्जा जमाने में सफल रही थी, लेकिन 5 साल बाद सिर्फ चार स्थानों पर अपना पूर्ण बहुमत जुटा पाई है.
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दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश के तीस ऐसे निकाय हैं, जहां निर्दलीय अहम भूमिका में हैं, कांग्रेस के पास विपक्ष में रहते हुए इन 50 में से 14 शहरी निकायों में अध्यक्ष थे, अब 16 में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है, हालांकि, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष 40 निकायों पर अपना अध्यक्ष बनाने का दावा कर रहे हैं.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि BJP का तीसरे स्थान पर सरक जाना साफ संकेत देता है कि लोगों के मन से BJP दूर होती जा रही है, उन्होंने दावा किया है कि राजस्थान के 40 से अधिक स्थानों के निकाय पर कांग्रेस अपना बोर्ड बनाने में सफल रहेगी.
डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में जिन स्थानों पर निर्दलीय बहुमत की ओर अग्रसर है वे सभी भी कांग्रेस समर्थक ही है.
डोटासरा ने कहा कि एक तरह से साफ है कि कांग्रेस निर्दलीयों के जरिए शहरी इलाकों में अपना कब्जा जमाने की कवायद करेगी, जिस तरह से जिला परिषद के प्रमुखों पर कब्जा जमाया है.