नई दिल्ली : सीएम गहलोत की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, कांग्रेस पार्टी के दो दलित विधायकों ने गहलोत सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप जड़ा है, कहा कि दलित विधायकों की अनदेखी हो रही है.
राहुल गांधी से मिलने का वक्त मांगा है, पार्टी के एक सीनियर दलित विधायक रमेश मीणा ने चेतावनी दी कि सुनवाई नहीं हुई तो वे इस्तीफा दे देंगे, दोनों सचिन पायलट गुट के है.
मीणा ने कहा कि गहलोत राज में दलित विधायकों की अनदेखी हो रही है, मीणा ने शिकायत के लिए राहुल गांधी से मिलने का वक्त मांगा, चेतावनी दी कि सुनवाई नहीं हुई तो इस्तीफा दे देंगे.
ये भी पढ़ें : क्या पत्रकार ही पत्रकार के दुश्मन बन गए?
पूर्वी राजस्थान में ही कांग्रेस का दूसरा मजबूत दलित चेहरा और विधायक मुरारी लाल मीणा हैं, मीणा ने भी आरोप जड़ा कि एससी, एसटी और अल्पसंख्यक विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही है, कहा कि शिकायत के बावजूद गहलोत सरकार के मंत्री अनदेखी कर रहे हैं.
रमेश मीणा और मुरारी मीणा दोनों सचिन पायलट गुट के विधायक हैं, दोनों की नाराजगी को सचिन पायलट की गहलोत सरकार से नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है.
गहलोत सरकार की ओर से परिवहन मंत्री प्रताप खाचरियावास ने सफाई दी कि एसटी एससी और अल्पसंख्यक कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी हैं, कहा कि कांग्रेस पार्टी बड़ा परिवार है, ऐसी बातें होती रहती हैं.
ये भी पढ़ें : चीन ने भारत के विरोध के बावजूद ब्रह्मपुत्र नदी पर दी बांध बनाने की मंजूरी
पायलट गुट के विधायकों की नाराजगी की एक वजह विधानसभा में सीटों के आंवटन में भेदभाव है, पायलट गुट के दलित विधायकों का आरोप है कि उन्हें ऐसी सीटें दी गई जिन पर माइक नहीं.
जिससे वे अपनी आवाज न उठा सके, नाराजगी की दूसरी वजह है गहलोत सरकार के मंत्रियों के विधायकों के काम में पायलट गुट के विधायकों की अनदेखी है.
पायलट के किसान रैलियों के जरिये शक्ति प्रदर्शन के बाद गहलोत एक किसान रैली में उन्हें अपने साथ चौपर में एकजुटता का संदेश देने के लिए लेकर गए थे, दोनों गुट के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है.