अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान की वजह से भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया है। ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने को कहा था और वह इसके लिए तैयार है। उनके इस बयान को भारतीय विदेश मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया है। भारत का साफ कहना है कि कश्मीर द्वीपक्षीय मसला है और भारत इसमें किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं चाहता।
संसद में भी इस मसले पर काफी हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री जवाब दो के नारे लगाए। विदेश मंत्री लोकसभा और राज्यसभा में सफाई दे चुके हैं इसके बावजूद विपक्ष का हंगामा जारी है। अब इसमें राहुल गांधी भी शामिल हो गए हैं। वायनाड से सांसद गांधी ने पूरे मसले पर प्रधानमंत्री से जवाब देने को कहा है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री को राष्ट्र को बताना चाहिए कि उनके और ट्रंप के बीच क्या बात हुई थी।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को कहा था। अगर सही है तो यह भारत के हितों और 1972 के शिमला समझौतों से धोखा है। एक कमजोर विदेश मंत्रालय के इसे खारिज करने से बात नहीं बनेगी। प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि उनके और ट्रंप के बीच हुई बैठक में क्या हुआ था।
विदेश मंत्री ने कहा, ट्रंप की बात में सच्चाई नहीं
मसले पर विदेश मंत्री एस जसशंकर ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने को कहा है, मैं सदन को इस बात का भरोसा दिलाना चाहता हूं कि इस तरह का कोई भी अनुरोध पीएम मोदी की तरफ से नहीं किया गया है। भारत अपनी स्थिति पर कायम है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों को सिर्फ द्विपक्षीय ही सुलझाया जा सकता है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया के सामने ये कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने का अनुरोध किया है।