नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चूंकि वह अब पार्टी के अध्यक्ष नहीं है इसलिए वह इस मुद्दे पर बैठक नहीं बुला सकते। सूत्रों से मिला जानकारी के अनुसार धारा 370 हटाए जाने को लेकर पहले कांग्रेस पार्टी के अंदर स्थिति साफ नहीं थी लेकिन अब पार्टी में इस फैसले का विरोध करने पर सहमति बन गई है। कांग्रेस के अनुसार जिस तरह से इस धारा को हटाया गया है वह तरीका सही नहीं है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा, ‘राष्ट्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए जम्मू-कश्मीर के एकतरफा टुकड़े नहीं किए जा सकते। इसके लिए संविधान को ताक पर रख कर चुने हुए प्रतिनिधियों को जेल में नहीं डाला जा सकता। देश लोगों से बनता है न कि जमीन और जमीन से। कार्यकारी शक्तियों का दुरुपयोग हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है।’
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध किया है और राज्यसभा में इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया है।
कांग्रेस ने दोनों सदनों में किया है विरोध
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा और फिर मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को पेश किया था। सोमवार को जब राज्यसभा में ये बिल आया तो कांग्रेस ने इसका विरोध किया. कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन बताया था।
मालूम हो कि गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर हमेशा के लिए केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा। गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति सामान्य होते ही उसे पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा। अमित शाह ने यह भी कहा कि 370 के रहते घाटी से आतंकवाद को मिटा पाना मुश्किल है।