कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद शुक्रवार को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी गई। इससे पहले बुधवार को मानहानि मामले में सूरत की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी।
इस मामले जहाँ एक तरफ राहुल गाँधी ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर बीजेपी और PM मोदी पर जमकर हमला बोला तो महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने राहुल गाँधी पर पलटवार करते हुए कहा कि जिस कानून के तहत राहुल गांधी संसद से आयोग्य साबित हुए वह कानून कांग्रेस में ही पारित किया था।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई प्रतिनिधि अयोग्य हो घोषित चुके हैं, उस समय लोकतंत्र खतरे में नहीं था। उन्होंने (राहुल) प्रतिनिधियों की अयोग्यता के खिलाफ अध्यादेश को फाड़ दिया। राहुल गांधी को उस कानून ने खत्म कर दिया है, जो कांग्रेस ने ही बनाया था। लालू यादव और कई अन्य को अयोग्य घोषित किया गया था लेकिन तब ऐसा कुछ नहीं हुआ था। क्या तब लोकतंत्र खतरे में नहीं था?
सीएम शिंदे ने कहा कि सावरकर महाराष्ट्र के देवता ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए आदर्श हैं और राहुल गांधी ने उन्हें बदनाम किया है. राहुल गांधी की जितनी आलोचना की जाए कम है। आगे उन्होंने कहा कि आज भी, राहुल गाँधी ने कहा कि मैं सावरकर नहीं हूं जो माफी मांगूंगा। सावरकर के बारे में वह क्या सोचते हैं? उन्हें इसके लिए जरूर दंडित किया जाना चाहिए।
साल 2019 में दिए मोदी सरनेम वाले बयान पर आपराधिक मानहानि मामले में बुधवार को सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और दो साल जेल की सजा सुनाई। हालांकि, सजा 30 दिन के लिए निलंबित कर जमानत दे दी ताकि वह फैसले को चुनौती दे सकें। इसके एक दिन बाद लोकसभा सचिवालय ने उनको अयोग्य करार दे दिया, जिसके बाद अब वह सांसद नहीं रहे।