कांग्रेस महासचिव बनने के बाद से ही प्रियंका गांधी यूपी में कांग्रेस को मजबूत करने में जुटी हैं. इसके लिए वह उत्तर प्रदेश में कई चरणों की बैठक कर चुकी हैं. इसके माध्यम से वह हर एक लोकसभा का फीडबैक ले रही हैं. और वहां पर लोगों के फीडबैक के अनुसार प्रत्याशी उतारने की मंशा में है.

सपा व बसपा में चुनावी समझौते के बाद कांग्रेस अपने को अलग-थलग महसूस कर रही थी. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने अपने कैंपेनिंग कमेटी, मेनिफेस्टो कमेटी और मीडिया व पब्लिसिटी कमेटी में हर वर्ग के लोगों को रखा है.
ऐसे में दो रास्ते थे कि या तो वह बची सीट पर संतोष करे या सभी 80 सीटों पर किस्मत आजमाए. हालांकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्लान ‘पी’ तैयार किया, जिसे लेकर भाजपा, सपा और बसपा दहशत में है.
फिलहाल, कांग्रेस ने अकेले सभी सीट पर लड़ने की मंशा से प्रियंका को सक्रिय किया है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने भारतीय जनता पार्टी को पस्त करने के लिए प्लान ‘पी’ पर काम कर रहीं हैं.
प्रियंका का प्लान ‘पी’ यानि पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश है. इसके मद्देनजर वह लखनऊ में पिछड़ा वर्ग की रैली को संबोधित करेंगी. कांग्रेस की ओर से लखनऊ में प्रस्तावित पिछड़ा वर्ग महारैली में पांच लाख से अधिक भीड़ जुटाने की तैयारी की जा रही है. प्रियंका के माध्यम से पार्टी पिछड़े वोट बैंक में सेंधमारी की जुगत में है.

कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय संयोजक अनिल सैनी ने बताया कि पार्टी इस पर काम कर रही है. ओबीसी वोटरों पर काम करने के लिए कांग्रेस हर गांव में अपना प्रतिनिधि तैनात करेगी. गांव में तैनात होने वाले यह लोग ओबीसी वर्ग के लोगों के बराबर संपर्क में रहेंगे और उन्हें कांग्रेस पार्टी की नीतियों से अवगत कराएंगे. उनको उनके हक के बारे में बताया जाएगा.
जाहिर है कांग्रेस उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग एजेंडे को गति देने का प्रयास कर रही है. इस क्रम में कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछड़ा वर्ग विभाग के राष्ट्रीय संयोजक अनिल सैनी को प्रदेश की कमान सौंपी है.
सैनी ने बताया कि पिछड़ा वर्ग महारैली की तिथि जल्द ही घोषित की जाएगी. कांग्रेस पिछड़ों के जरिए सत्ता में वापसी की तैयारी में लगी है. इसके लिए कई प्रकार के अभियान भी चला रही है. कांग्रेस पिछड़ा वर्ग को कई कार्यक्रम और अभियान चलाने की मंशा बना चुकी है.
पिछली लोकसभा में यह वोट बैंक छिटक भाजपा के खेमें में चला गया था. जिससे भाजपा तगड़ी बढ़त बना लीं. कांग्रेस पार्टी इस बार गठबंधन से इतर गैर यादव समाज को अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रही है.
यदि कांग्रेस अपनी रणनीति में कामयाब हुई तो यह गठबंधन के लिए कड़ी चुनौती साबित होगा. इसीलिए पार्टी ने इस प्रकार के कई कार्यक्रम तय किए हैं जो सीधे पिछड़े वर्ग को जोड़ते हैं.