नई दिल्ली : संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 फरवरी को दोपहर 12 से लेकर शाम 4 बजे तक देशव्यापी ‘रेल रोको’ आंदोलन का ऐलान किया है.
किसान संगठनों के मुताबिक, गुरुवार को देशभर में हजारों किसान रेल की पटरियों पर बैठेंगे, किसानों की योजना पूरे देश के रेल नेटवर्क को चार घंटों के लिए ठप करने की है.
अभीक साहा ने कहा जिस समय ट्रैफिक सबसे कम होती है, उस समय हमने सड़क जाम किया और इसी प्रकार, दिन में ट्रेन की ट्रैफिक कम होती है क्योंकि लंबी दूरी की ट्रेन ज्यादातर रात में चलती हैं.
ये भी पढ़ें : बजट के बाद महंगाई का झटका, कंपनियों ने बढ़ाए LPG सिलिंडर और पेट्रोल-डीजल के दाम
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पूरा आंदोलन योजना के मुताबिक हो, रेल रोको आंदोलन का मकसद सरकार पर किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना है.
राकेश टिकैत ने कहा है कि रेल रोको आंदोलन के बीच रास्ते में ट्रेनें नहीं रोकी जाएंगी, टिकैत ने कहा कि किसान इंजन पर फूल चढ़ाकर रेल रोकेंगे, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यात्रियों को रास्ते में चाय-नाश्ता भी कराया जाएगा.
ये भी पढ़ें : लेख : दिशा सिर्फ़ एक लड़की का नाम नहीं पूरी पीढ़ी का है : रवीश कुमार
बता दें कि पिछली बार ‘चक्का जाम’ में जहां किसानों ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छूट दी गई थी, इस बार किसान ऐसी कोई रियायत नहीं देने के मूड में हैं.
पंजाब के कीर्ति किसान यूनियन के प्रेस सचिव जितेंदर सिंह शीना ने कहा कि ‘हम सभी रेलवे लाइनें ब्लॉक करेंगे, दिल्ली आने वाली भी लाइनें ब्लॉक करेंगे.