नई दिल्ली : आने वाले समय में देश के हर रेलवे स्टेशन पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती दिखेगी और प्लास्टिक कप नहीं देखेंगे, यह ऐलान रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया है.
राजस्थान के अलवर में ढिगावड़ा रेलवे स्टेशन पर ढिगावड़ा-बांदीकुई रेलखंड पर विद्युतीकृत रेलमार्ग के लोकार्पण समारोह में गोयल ने कहा, ”आज देश में लगभग 400 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती है.
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आगे चलकर हमारी योजना है कि देश के हर रेलवे स्टेशन पर सिर्फ कुल्हड़ में चाय बिकेगी, प्लास्टिक मुक्त भारत में रेलवे का भी यह योगदान रहेगा, इससे लाखों भाई-बहनों को रोजगार मिलता है.”
उन्होंने कहा कि पहले एक जमाना था जब रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती थी, जब 2014 में केन्द्र में मोदी की सरकार आई तब तक कुल्हड़ गायब हो गए और प्लास्टिक के कप में चाय मिलनी शुरू हो गई.
पीयूष ने कहा कि खादी ग्रामोद्योग विभाग के लोगों ने रेलवे के साथ मिलकर इस कार्य को गति दी है.
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गोयल ने कहा, ”मैं अभी कुल्हड़ में चाय पी रहा था, वास्तव में कुल्हड़ में चाय पीने का स्वाद ही कुछ और होता है और पर्यावरण को भी आप बचाते हो.
PM मोदी 2014 में जब से सत्ता में आए हैं तब से वह लोगों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है, उन्होंने निर्णय किया है कि देशभर की रेलवे लाइन का शत प्रतिशत विद्युतीकरण करेंगे.”
पीयूष ने कहा कि 2009 से 2014 के बीच में राजस्थान में रेलवे का शून्य विद्युतीकरण हुआ था और 2014 के बाद 1433 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का विद्युतीकरण हो चुका है.
आज के इस विद्युतीकरण के खत्म हो जाने के बाद अब रेवाड़ी से अजमेर तक जाने वाले रेलमार्ग पर अब शत प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है और अब पूरी तरह से गाडियां इलेक्ट्रिक लाइन पर चलेंगी, आपके क्षेत्र में डीजल की गाड़ियां बंद करके हम आपके क्षेत्र के प्रदूषण को पूरी तरीके से शून्य करेंगे.
इससे ट्रेन की गति भी बढ़ेगी और उद्योग, किसानों के उत्पाद को जल्दी भेज सकेंगे.”
गोयल ने कहा कि राजस्थान में 2009 से 2014 के बीच पांच वर्ष में रेलवे के 65 अंडरपास बने थे जबकि 2014 से 2020 के बीच छह गुना अधिक 378 अंडरपास बनाए गए.
उन्होंने कहा कि इसी तरह 2009 से 2014 के बीच रोड ओवरब्रिज पांच साल में मात्र चार बने थे वहीं 2014 से 2020 के बीच 30 रोड ओवरब्रिज बने, उन्होंने कहा कि राजस्थान में 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश से 7 नई लाइनों पर काम चल रहा है.
इस अवसर पर पीयूष ने 34 किलोमीटर के नए विद्युतीकृत ढिगावड़ा-बांदीकुई रेल खंड पर पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.