नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। राज्यसभा में नेता विपक्ष आजाद ने कहा, कश्मीर से कन्याकुमारी तक कहीं भी देश के हालात सामान्य नहीं बचे हैं। सबसे ज्यादा फिक्र करने की जरूरत पूर्वोत्तर की है। पूर्वोत्तर के राज्य जल रहे हैं। पूर्वोत्तर के लोग महजब से अलग हटकर नागरिकता बिल का विरोध कर रहे हैं।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कौन कहता है कि बांग्लादेश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में मुस्लिम महिलाओं के साथ उत्पीड़न नहीं होता है। वहां भी उत्पीड़न किया गया लेकिन उनको शामिल नहीं किया गया। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि श्रीलंका के हिंदू, भूटान के क्रिश्चियन, बर्मा के जो मुसलमान हैं क्या उनकी समस्या नहीं है?
संविधान धर्म की बुनियाद पर कानून बनाने के लिए नहीं कहता है, लेकिन यह बिल तो धर्म के आधार पर बनाया गया है। यह बिल असंवैधानिक है। इस देश में वह दो संविधान चलाना चाहते हैं, एक तो वह जो संविधान सभा ने पास किया है, दूसरा जो भाजपा का संविधान है, जिसके माध्यम से वह काम कर रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट में बिल को लेकर हो रहे विरोध पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कि इस विधेयक का सब जगह विरोध किया जा रहा है क्योंकि वहां के लोग भी आक्रोश में है।
नागरिकता संशोधन विधेयक का देश के कई हिस्सों, खासतौर से पूर्वोत्तर में भारी विरोध हो रहा है। असम के कई जिलों में बीते कुछ दिनों में लोगों ने इस बिल के विरोध में प्रदर्शन किए हैं। भारी तोड़फोड़ और आगजनी के बाद दस जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को रोक दिया गया है। गुवाहाटी में कर्फ्यू लगाया गया है। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल और कई संगठन भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं।