नई दिल्ली: पटौदी पैलेस किसी आलिशान महल से कम नहीं है, हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में सोहा अली खान ने कहा था कि कैसे पटौदी पैलेस में जब लाइट चली जाती थी तो पूरा परिवार एक साथ बाहर सोया करता था।
सोहा ने ऐसी कई और चीज़ें बताई जो इसे मुंबई की जिंदगी से बिल्कुल अलग बनाता है, इस रिपोर्ट में पढ़िए कैसी है पटौदी पैलेस की लाइफ.
सोहा ने बताया था कि- जब भी मैं पटौदी पैलेस में कदम रखती हूं तो किसी तरह अपने पिता मंसूर अली खान के करीब महसूस करती हूं, उनकी यादें पूरे पैलेस में फैली हुई है, मैं उनकी कब्र पर जाती हूं और उनके साथ टाइम स्पेंड करती हूं, ये घर मेरे पापा का है, तो, वहा रहकर अलग ही सुकून मिलता है, कितनी यादें बसी है।
एक समय ऐसा भी था कि बचपन में हम पैलेस जाया करते थे तो वहां बिजली नहीं हुआ करती थी, हम बाहर मच्छरदानी के नीचे सोते थे, अब हमारे पास एसी है, लेकिन उस समय न तो एसी था और न ही मोबाइल फोन, तो, यह पूरी तरह से बाहरी दुनिया से कट ऑफ था।
सोहा ने बताया कि हम सब साथ मिलकर क्रिकेट खेला करते थे, ऑर्गेनिक खेती करते थे, इनाया भी अब वहां जाकर कुछ पौधे लगाती है, हम अपने पैलेस में आलू, गाजर सब कुछ उगाते है, हम खीरे, गाजर की सैलेड बनाते हैं, जिसे हमने खुद उगाया और काटा होता है, साथ ही पैलेस में मोर और कुत्ते भी हैं, प्रकृति के बीच रहने में कुछ अलग ही मजा है।
सोहा ने अपने बचपन की कई यादों को अपने फैंस के साथ शेयर किया, पटौदी पैलेस के उन किस्सों को सुनाया जो फैंस हमेशा से जानना चाहते थे।