न्यूयॉर्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार करो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की। ट्रंप ने खुद को एक अच्छा मध्यस्थ बताते हुए कहा कि वो कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। लेकिन इसके लिए दोनों देशों का राजी होना आवश्यक है। ट्रंप ने ये टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से मुलाकात के दौरान की।
न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन में बोलते हुए इमरान खान ने कहा कि 9/11 आतंकी हमले पर पाकिस्तान ने अमेरिका का विश्वास किया, उनकी मदद की लेकिन ये पाकिस्तान की सबसे बड़ी भूल साबित हुई। इससे पाक की अर्थव्यवस्था को 200 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
इमरान खान ने कहा कि 1980 में सोवियत संघ के वक्त अफगानिस्तान के मसले पर पाकिस्तान ने अमेरिका का साथ दिया। सोवियत के खिलाफ जिहाद करने के लिए पाकिस्तानी सेना और ISI ने आतंकियों को ट्रेनिंग दी, जो बाद में अलकायदा बना। 1989 में जब सोवियत ने अफगानिस्तान छोड़ दिया, बाद में अमेरिका ने छोड़ दिया लेकिन ये आतंकी संगठन पाकिस्तान में ही रहे।
मालूम हो कि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि किसी भी समय में एक बहुत अच्छा मध्यस्थ हूंगा। उन्होंने इमरान खान की मौजूदगी में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के लिए पीएम मोद की तारीफ की और कहा कि उन्होंने उनका आक्रामक बयान सुना। ह्यूस्टन में एनआरजी स्टेडियम में 50,000 लोगों की सभा का जिक्र करते हुए कहा उन्होंने कहा कि ये बहुत अच्छी तरह से दिया गया था।