नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून का देशभर में जिस तरह से विरोध हो रहा है उसके बाद तमाम राजनीतिक दल इस मुद्दे पर सरकार को जमकर घेर रहे हैं। इस कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कई जगहों पर हिंसा भी देखने को मिली। इस हिंसा पर सेना प्रमुख बिपिन रावत ने भी टिप्पणी की है, जिसके बाद उनके बयान पर हंगामा हो रहा है। एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी सेना प्रमुख के बयान का विरोध करते हुए उनपर निशाना साधा है। ओवैसी ने ट्वीट करके लिखा है कि अपने कार्यालय की हद को जानना भी नेतृत्व है।
उनके अलावा कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी आर्मी चीफ के बयान पर जवाब दिया और ट्वीट किया कि आपके बयान से मैं सहमत हूं, लेकिन वो भी लीडर नहीं होते हैं जो अपने फॉलोवर्स को सांप्रदायिक हिंसा में शामिल होने के लिए मंजूरी देते हैं।
बता दें कि भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एक इवेंट के दौरान कहा, ”नेता वे नहीं हैं जो गलत दिशा में लोगों का नेतृत्व करते हैं। जैसा कि हम लोग गवाह रहे हैं कि बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों ने शहरों और कस्बों में आगजनी और हिंसा करने के लिए जन और भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं। यह नेतृत्व नहीं है।”
देश के 22 कैंपसों में हुआ था विरोध
सेना प्रमुख के इसी बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी बढ़ती जा रही है। बता दें कि बीते कुछ दिनों में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी, यूपी की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी समेत देश के कुल 22 कैंपस में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ था।