देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भारत रत्न पर सवाल उठाए हैं। इस संदर्भ में असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि ‘मुझे यह बताओ कि जितने भारत रत्न अवॉर्ड दिए गए उसमें से कितने दलित, आदिवासी, मुसलमानों, गरीबों, ऊंची जाति और ब्राह्मणों को दिए गए? बाबा साहब को भारत रत्न दिया गया पर दिल से नहीं दिया गया मजबूरी की हालत में दिया गया।’ आपको बता दें कि ओवैसी ने ये बयान असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत करते हुए दिया है।

आपको बता दें कि इस मामले में देश के जाने-माने योग गुरु बाबा रामदेव जोशी भारतीय जनता पार्टी और खासतौर पर मोदी सरकार के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने भी तंज कसा है बाबा रामदेव ने मोदी सरकार से अपील की है कि वह अगले साल से भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से देश के सन्यासी और संतों को भी नवाज़ा जाए।
बाबा रामदेव ने यह आरोप लगाया है कि मदर टेरेसा को इसलिए भारत रतन का पुरस्कार दिया गया क्योंकि वह ईसाईं थी। लेकिन भारत में 70 सालों से एक भी संयासी को यह पुरस्कार नहीं दिया गया है। इसके साथ ही बाबा रामदेव ने यह सवाल किया है कि क्या भारत में हिंदू होना गुनाह है।

रामदेव ने कहा था कि, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 70 सालों में एक भी संन्यासी को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया। चाहे वह महर्षि दयानंद सरस्वती हों, स्वामी विवेकानंद जी, या शिवकुमार स्वामी जी। देश को बड़ा योगदान देने वाले इन संन्यासियों को भी भारत रत्न से नवाजा जाना चाहिए था।’ उन्होंने कहा कि मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि अगली बार कम से कम किसी सन्यासी को भी भारत रत्न दिया जाए।