इन दिनों बाजार में सेब से महंगा प्याज बिक रहा है। बीते 15 दिनों में ही सेब के दामों में 80 रुपये प्रतिकिलो की गिरावट आ गई है। 120 रुपये किलो बिक रहा सेब वर्तमान में 50 से 60 रुपये किलो तक बिक रहा है। वहीं प्याज का भाव 30 रुपये से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। अमूमन सितंबर और अक्तूबर महीने में प्याज 20 रुपये से 25 रुपये किलो और सेब 60 रुपये से 80 रुपये किलो रहता है। लेकिन, इस साल प्याज और सेब के दाम का रुझान बिल्कुल अलग है। सेब सस्ता हो गया है और प्याज महंगा हो गया है।
वहीं, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में भी प्याज 50 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है। कारोबारियों ने बताया कि देश में प्याज का स्टॉक काफी कम है, जिसके कारण मंडियों में आवक कम हो रही है। खपत के मुकाबले आवक कम होने से प्याज की कीमत बढ़ रही है। आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल खराब होने और नई फसल की तैयारी में विलंब हो जाने की आशंकाओं से प्याज की कीमतों को और सपोर्ट मिल रहा है। राजेंद्र शर्मा ने बताया कि इससे पहले 2015 में प्याज का भाव 50 रुपये किलो से ऊपर चला गया था।
प्याज के दाम को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार ने पिछले सप्ताह इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी एमईपी 850 डॉलर प्रति टन निर्धारित कर दिया ताकि निर्यात पर पाबंदी से देश के बाजारों में प्याज की सप्लाई में कमी नहीं आए। विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी के 13 सितंबर की अधिसूचना के अनुसार, प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 850 डॉलर प्रति टन (एफओबी) से कम भाव पर निर्यात की अनुमति तब तक नहीं होगी, जब तक इस संबंध में अगला आदेश नहीं आता है।