यूपी की सबसे हाइप्रोफाइल सीट अमेठी एक बार फिर चर्चाओं में है। यहां से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव मैदान में है, जबकि उन्हें भारतीय जनता पार्टी की स्मृति ईरानी कड़ी टक्कर दे रही है। 2004 से लेकर 2014 तक तीन बार राहुल गांधी ही जीते हैं, लेकिन पिछली बार उनकी जीत का अंतर कम हो गया था। 2019 के लोकसभा चुनावों में 12:30 तक 4,773 वोट से राहुल गांधी पीछे चल रहे है। वहीं, स्मृति ईरानी 76792 वोट मिले है, जबकि राहुल गांधी को 72019 वोट मिले है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर का राजनीतिक करियर 1989 में जनता दल से शुरू हुआ और 1994 से 99 तक सांसद रहे। 2014 में गाजियाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर राज बब्बर चुनाव लड़े, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के वीके सिंह से बुरी तरह पराजित हुए। इस बार भी फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट फंसी हुई है। 2019 के लोकसभा चुनावों में 1:30 तक 116,076 वोट से राज बब्बर पीछे चल रहे है। वहीं, भाजपा उम्मीदवार राजकुमार 159828 वोट मिले है, जबकि राज बब्बर 43752 वोट मिले है।
कांग्रेस के दिग्गज नेता और कानपुर से तीन बार सांसद रहे श्रीप्रकाश जायसवाल की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। 2014 में पिछला लोकसभा चुनाव हार गए थे। 1999, 2004 और 2009 में वह कानपुर से कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने थे। 2019 में एक बार फिर श्रीप्रकाश जायसवाल कानपुर सीट से चुनाव मैदान में है। 1:30 तक श्रीप्रकाश जायसवाल 48,356 वोटों से पीछे चल रहे है। वहीं, भाजपा के प्रत्याशी सत्यदेव पचौरी 126315 वोट मिले है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल 77959 मिले है।
17वीं लोकसभा चुनाव के तहत उत्तर प्रदेश की फर्रुखाबाद सीट पर सभी की निगाहें हैं। कांग्रेस के कद्दावर नेता और फर्रुखाबाद से प्रत्याशी सलमान खुर्शीद का 1991 में पहली बार एमपी बने। 2009 में उन्होंने फिर जीत का स्वाद चखा, लेकिन 2014 में मोदी के आगे उनका दूर तक कहीं पता ठिकाना नहीं रहा। इस बार वह फिर मैदान में हैं और यह राह उनके लिए आसान नहीं नजर आ रही है। 1:30 तक सलमान खुर्शीद 2 लाख वोटों से पीछे चल रहे है। वहीं, भाजपा प्रत्याशी मुकेश राजपूत 221169, गठबंधन प्रत्याशी मनोज अग्रवाल 119532 वोट मिले है, जबकि सलमान खुर्शीद को 15868 वोट मिले है।
कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष रहे और फैजाबाद से कांग्रेस के प्रत्याशी निर्मल खत्री की भी मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। खत्री 1984 में सांसद बने इसके बाद 2009 में भी उन्हें सांसद बनने का मौका मिला, लेकिन 2014 में वे हार गए। वहीं, 2019 में लोकसभा चुनावों में 1:30 तक निर्मल खत्री तीसरे नंबर है। निर्मल खत्री 171,106 वोट से पीछे चल रहे है। वहीं, भाजपा उम्मीदवार लल्लू सिंह 199658, गठबंधन प्रत्याशी आनंद 159699 वोट मिले है, जबकि निर्मल खत्री को 20503 वोट मिले है।