सुप्रीम कोर्ट ने आज शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध मामले पर सुनवाई किया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नियम कहते हैं कि शैक्षणिक संस्थानों को यूनिफॉर्म निर्धारित करने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई सोमवार को जारी रहेगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पिछले कई दिनों से हिजाब मामले पर सुनवाई चल रही है।
कर्नाटक सरकार के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले याचिकाकर्ताओं से कहा था कि अगर संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत कपड़े पहनने के अधिकार को पूर्ण मौलिक अधिकार के रूप में दावा किया जाता है, तो कपड़े नहीं पहनने का अधिकार भी अस्तित्व में होगा। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि सिखों के कृपाण और पगड़ी की हिजाब से कोई तुलना नहीं है क्योंकि सिखों के लिए पगड़ी और कृपाण पहनने की अनुमति है।
इस दौरान प्रशांत भूषण ने दलील दी कि जब स्कूलों में पगड़ी, तिलक और क्रॉस को बैन नहीं किया गया तो फिर हिजाब पर बैन क्यों? यह सिर्फ एक धर्म को निशाना बनाने के लिए किया गया है। आगे उन्होंने कहा कि एक निजी क्लब में एक ड्रेस कोड हो सकता है, उदाहरण के लिए गोल्फ क्लब, लेकिन एक सार्वजनिक शिक्षण संस्थान ऐसा नहीं कर सकता।
बता दें कि इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बुधवार को सवाल किया था कि क्या हिजाब प्रतिबंध और इस मुद्दे पर हाई कोर्ट के फैसले के कारण कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों से छात्रों के पढ़ाई छोड़ने के संबंध में कोई प्रामाणिक आंकड़ा है। याचिकाकर्ताओं में से एक की तरफ से पेश हुए वकील ने विद्यार्थियों विशेषकर छात्राओं द्वारा स्कूल छोड़ने का मुद्दा उठाया।