सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में आगामी शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण की अनुमति दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह इस संबंध में एक अधिसूचना जारी करे। ये अधिसूचना दो दिनों के भीतर जारी करने के आदेश दिए गए हैं।
कोर्ट ने यह स्पष्ट करते हुए मामले का निस्तारण कर दिया कि उसके आदेश में दिए गए निर्देशों को मिसाल के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इस महीने की शुरुआत में जस्टिस (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह, जिन्होंने आयोग का नेतृत्व किया।
वहीं यूपी सरकार ने कहा अगर कोर्ट इजाजत देता है तो वह दो दिन के भीतर चुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 28 दिसंबर 2022 को OBC आयोग का गठन किया गया था, इस मामले को लेकर 7 मार्च 2023 को आयोग ने अपनी रिपोर्ट दी।
असल में यूपी की 760 नगर निकायों में नगर निगम के मेयर, नगर पालिका-नगर पंचायत के अध्यक्ष और पार्षद सीटों के लिए पिछले साल दिसंबर में ही चुनाव कराए जाने की प्लानिंग थी। राज्य सरकार ने निकाय चुनाव के लिए सीटों का आरक्षण भी जारी कर दिया था लेकिन आरक्षण को लेकर मामला हाई कोर्ट चला गया। हाई कोर्ट ने बगैर ओबीसी आरक्षण के तत्काल चुनाव कराने का आदेश दिया तो यूपी सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।