नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू युनिवर्सिटी में फीस वृद्धि बढोतरी को लेकर छात्रों का प्रदर्शन अभी कम नहीं हुआ है। पिछले एक महीने से फीस बढ़ाए जाने को लेकर छात्र हड़ताल पर हैं, उधर साल खत्म होने के साथ-साथ छात्रों के सेमेस्टर परीक्षाएं भी करीब हैं। हड़ताल के चलते छात्रों ने कक्षाओं में जाने से मना कर दिया है जिससे अन्य छात्रों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे में जेएनयू प्रशासन ने एक नोटिस जारी कर हड़ताल कर रहे छात्रों को कक्षा में वापस लौटने को कहा है।
JNU प्रशासन ने नोटिस में कहा कि सभी छात्रों को सभी शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करना होगा, इसमें कक्षा में वापस लौटना, सेमेस्टर परीक्षाएं देना सहित सभी काम अनिवार्य होंगे। अगर छात्र ऐसा नहीं करते तो उनका रोल नंबर सूची से हटा दिया जाएगा और वह परीक्षा नहीं दे सकेंगे।
मालूम हो कि जेएनयू में फीस बढ़ने के बाद हुए बड़े आंदोलन के बाद एचआरडी मिनिस्ट्री ने सभी पक्षों की बात जानने के लिए एक हाई लेवल कमिटी का गठन किया था। तीन मेंबर की इस हाई लेवल कमिटी में यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो. वी.एस. चौहान, एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे और यूजीसी के सचिव प्रफेसर रजनीश जैन शामिल हैं। कमिटी ने बाद में सभी संबंधित लोगों से बात की और अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है।
JNU में छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर में स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) में भी फैल गया। आईआईएमसी में छात्रों ने महंगी फीस के खिलाफ प्रदर्शन किया है। आईआईएमसी छात्रों ने बताया कि उन्होंने भारी शिक्षण शुल्क और “असंगत” छात्रवास तथा भोजनालय शुल्क के खिलाफ परिसर में हड़ताल की। इससे पहले जेएनयू में छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी के विरोध में भारी प्रदर्शन हुआ।