वन नेशन, वन लैंग्वेज का अब एक्टर रजनीकांत ने विरोध किया है। रजनीकांत ने कहा कि हिंदी भाषा को थोपा नहीं जाना चाहिए। सिर्फ तमिलनाडु नहीं दक्षिण का कोई भी राज्य हिंदी को स्वीकार नहीं करेगा। सिर्फ हिंदी ही नहीं। किसी भी भाषा को थोपा नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा किया गया तो दक्षिण भारत के सभी राज्य इसका विरोध करेंगे।अभिनय के क्षेत्र से राजनीति में कदम रखने वाले रजनीकांत ने कहा, ‘कॉमन भाषा देश की उन्नति के लिए अच्छी होगी लेकिन दुर्भाग्यवश भारत में कॉमन भाषा नहीं है। हिंदी को यदि थोपा जाता है तो इसे तमिलनाडु में कोई स्वीकार नहीं करेगा।’ उन्होंने कहा कि हिंदी को थोपा नहीं जाना चाहिए। सिर्फ तमिलनाडु ही नहीं बल्कि दक्षिणी राज्यों में से कहीं भी हिंदी को नहीं थोपा जाना चाहिए।
हिन्दी के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल हों: चिदंबरम
जेल में बंद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने ट्विटर पर तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस सेहिन्दी के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का अनुरोध किया। उन्होंने लिखा- मैं तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केएस अलागिरि से अनुरोध करता हूं कि वह सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से द्रमुक द्वारा 20 सितंबर को किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए कहें।
कमल हासन ने कहा था- जल्लीकट्टू से भी बड़ा आंदोलन होगा
इससे पहले कमल हासन ने भी कहा था कि1950 में देशवासियों से वादा किया गया था कि उनकी भाषा और संस्कृति की रक्षा की जाएगी। कोई शाह, सम्राट या सुल्तान इस वादे को अचानक से खत्म नहीं कर सकता। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा था कि भाषा को लेकर एक और आंदोलन होगा, जो तमिलनाडु में जल्लीकट्टू विरोध प्रदर्शन की तुलना में बहुत बड़ा होगा। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन तमिल हमेशा हमारी मातृभाषा रहेगी।