एक दूसरे के खिलाफ हमेशा आग उगलने वाले अमेरिका और उत्तर कोरिया में अब दोस्ती हो रही है। ऐसा लग रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग की जुबान अचानक से मीठी हो गई है। पूरी दुनिया किम जोंग के अचानक हुए इस बदलाव को पचा नहीं पा रही है की सिर्फ दो महीने में ऐसा क्या हो गया कि अचानक एक तानाशाह शांति का दूत बन गया. बम छोड़ कर बात करने लगा। दुश्मनी भुला कर दुश्मन के घर जा रहा है। दुश्मनों को अपने घर बुला रहा है।
सवाल ये है कि आखिर किम बदला क्यों? तो इसका जवाब छुपा है उस महामिलन में जो जून के पहले हफ्ते में होने जा रहा है और जिसका इंतजार पूरी दुनिया को है। कुछ ही महीनों में किम और ट्रंप बहुत ही शांत हो गए हैं जो साल 2017 में एक दूसरे को धमका रहे थे। अब एक दूसरे की तारीफ में कसीदे पढ़े जा रहे हैं।
उत्तर कोरिया जो हमेशा परमाणु हथियार छोड़ने की धमकी देता रहता था अब परमाणु परीक्षण स्थल को मई में बंद करने जा रहा है। दुनिया भर के शांतिप्रिय देशों और लोगों में ख़ुशी साफ़ झलक रही है। बता दें कि परमाणु हथियार बनाने और परीक्षण करने की अंधी दौड़ में लगे कोरियन देश और अमेरिका के बीच बीते काफी वक़्त से तनातनी का माहौल बना हुआ था। दोनों देश एक दुसरे को परमाणु हमले की धमकी भी देते रहे ऐसे में किम जोंग उन सरकार की तरफ से लिया गया ये फैसला काफी सराहा जा रहा है।
हालांकि इसके पीछे उत्तर कोरिया की एक शर्त है और वो शर्त ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति उसे वचन दें कि वो कोरियाई युद्ध को खत्म कर देंगे। हालांकि इसका फैसला अब उस महामिलन से होगा जो जून के पहले हफ्ते में होने को है।