नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क और परविहन मंत्री नितिन गडकरी ईधन को वैकेल्पिक स्रोत के बहुत पक्ष में रहते बैं। उन्होंने उद्योगो को कुछ बार शुद्ध बिजली की तरफ शिफ्ट होने को कहा है। जबकि वो भी जानते हैं कि बिना बुनियादी ढांचे के विकास के बिना ये संभव नहीं है। सोमवार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों में ऊर्जा दक्षता पर नैशनल कॉन्क्लेव के दौरान गडकरी ने कहा कि देश में सभी बसें ईंधन के वैकल्पिक स्रोत पर स्विच हो जाएंगी। इसमें बायो-सीएनजी, मेथनॉल और इथेनॉल शामिल होंगे।
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों में ऊर्जा दक्षता पर नैशनल कॉन्क्लेव के दौरान गडकरी ने कहा, ‘आने वाले दो साल में सभी बसें इलेक्ट्रिक हो जाएंगी।’ गडकरी ने कहा, ‘ये गाड़ियां बायो-सीएनजी, एथनॉल, मेथनॉल पर चलेंगी।’ उन्होंने इलेक्ट्रिक वीइकल को अनिवार्य किए बिना ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत को अपनाने के अपने रुख पर एक बार फिर जोर दिया।
गडकरी के नेतृत्व वाले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नीति आयोग के उस प्रस्ताव को किनारे कर दिया है, जिसमें पेट्रोल तथा डीजल से चलने वाले दोपहिया तथा तीन पहिया वाहनों को चरणबद्ध तरीके से सड़कों से हटाने की बात कही गई थी।
मालूम हो कि गडकरी ने आगे कहा कि कश्मीर में कोई भारत माता की जय बोलने की हिम्मत नही करता था, हमारे पीएम नरेंद्र मोदी के 70 साल पुरानी गलती सुधारी है। उन्होंने कहा कि 370 समाप्त करना हमारे संघर्ष की विजय है। जवाहर लाल नेहरू की नीति गलत थी, उन्होंने जल्दबाजी में कदम उठाया था, उनके इस कदम के पक्ष में संविधान सभा के अध्यक्ष बाबा साहब अंबेडकर भी नहीं थे।