नई दिल्ली: इतिहास के बाद अब मक़बरों से छेड़छाड़ की कोशिशें की जा रही हैं। राजधानी दिल्ली में तुगलक काल के एक मकबरे को शिव मंदिर में तब्दील करने का मामला सामने आया है। मामला सफदरजंग एनक्लेव के हु्ंमायूपुर गांव का है। जहां रिहायशी इलाके के बीच बने गुमटी नाम के एक मकबरे को सफेद और भगवा रंग से पेंट कर दिया गया और उसके अंदर एक प्रतिमा भी स्थापित कर दी गई।
मार्च के महीने में हुई इस घटना को पुरातात्विक विभाग के सिटीजन चार्टर का बड़ा उल्लंघन माना जा रहा है। चार्टर के मुताबिक, मकबरे या आसपास के किसी दीवार को पेंट नहीं कर सकते और न ही मकबरे की मूल पहचान को बदला जा सकता है। मकबरे के बगल में भगवा रंग के बेंच लगे हैं जिसपर सफदरजंग एनक्लेव की निगम पार्षद राधिका अबरोल फोगाट का नाम छपा है।
हालांकि जब फोगाट से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मेरी जानकारी में आए बिना इसे मंदिर में तब्दील कर दिया गया। इसमें मेरा कोई समर्थन नहीं था। इसमें पिछले बीजेपी पार्षद की मिलीभगत थी। मैंने इसपर विरोध भी जताया था लेकिन यह काफी संवेदनशील मामला है। उन्होंने कहा कि देश में फिलहाल जो कुछ हो रहा है, उसमें किसी मंदिर को हाथ लगाना मुश्किल है।
मेरे नाम से छपे बेंच पहले पार्क में रखे गए थे। गौरतलब है कि 2010 में गुमटी को सांस्कृतिक स्थल का दर्जा मिला था। इन स्थानों की हिफाजत का जिम्मा राज्य सरकार का होता है। वहीं मक़बरे को मंदिर में तब्दील किए जाने के बारे में जब दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा, मुझे इस बारे में कोई सूचना नहीं है। मैं संबंधित विभाग को इसकी छानबीन करने के लिए बोलूंगा और रिपोर्ट तलब करूंगा।