नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिली करारी हार पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि नतीजों से सबक लेते हुए पार्टी में सुधार लाने के लिए ज़रूरी कदम उठाने की ज़रूरत है।
सोनिया गांधी ने सोमवार को यहां पिछले दिनों हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों पर चर्चा के लिए बुलाई गई पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में बोलते हुए कहा कि इन चुनावों के परिणाम पार्टी के लिए बेहद निराशाजनक रहे हैं और इन नतीजों से सबक लेते हुए ठोस रणनीति अपनाकर पार्टी में सुधार लाना होगा।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी संगठन के चुनाव को लेकर भी बैठक में चर्चा की और कहा कि पार्टी ने संगठनात्मक चुनाव का कार्यक्रम तय कर लिया है। इस मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “जब हम गत 22 जनवरी को मिले थे तो हमने फैसला किया था कि कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव जून के मध्य तक पूरा हो जाएगा।”
उन्होंने विधानसभा चुनावों में करारी हार पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इन चुनाव नतीज़ों को निराशाजनक कहना पर्याप्त नहीं है। हमें असलियत समझ कर वास्तविकता का सामना करते हुए तथ्यों को सही ढंग से देखना होगा और वस्तु स्थिति से सबक लेते हुए पार्टी में सुधार लाने के कदम उठाने होंगे।
सोनिया गांधी ने कहा कि ये चुनाव परिणाम पार्टी के लिए गहरे झटके हैं और इन झटकों का संज्ञान लेते हुए स्थिति में सुधार लाने की जरूरत है। उनका कहना था कि वह हार के कारण रहे हर पहलू पर गौर करने के लिए एक छोटा समूह बनाने की ख्वाहिश रखती है और चाहती है कि यह समिति जल्द से जल्द पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर रिपोर्ट दे।
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केरल और असम के चुनाव परिणामों पर गहरी चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इन दोनों राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को जीत क्यों नही मिली यह बहुत चिंता का विषय है।
उन्होंने आगे कहा ‘‘हमें समझना होगा कि हम केरल और असम में मौजूदा सरकारों को हटाने में विफल क्यों रहे। पश्चिम बंगाल में पार्टी का खाता तक क्यों नहीं खुला।