गुजरात: साल 2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में आज गुजरात हाई कोर्ट फैसला सुनाने वाला है। इस केस में निचली आदालत ने बीजेपी विधायक माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत 32 को दोषी करार दिया था।
नरोदा पाटिया केस का मुकदमा साल 2009 में शुरू हुआ था जिसमें कुल 62 आरोपी बनाए गए थे। जिसमें 29 अन्य लोगों को बरी कर दिया गया था और एक अभियुक्त की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।
गौरतलब है की 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में सबसे बड़ा नरसंहार हुआ था। 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी और इसमें 33 लोग जख्मी भी हुए थे। जिसमें गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगियां जलाने की घटना के बाद नरोदा पाटिया सबसे बुरी तरह जला था।
नरोदा पाटिया मामले गुजरात दंगों के दौरान हुआ सबसे भीषण और विवादस्पद नरसंहार बताया जाता है। इस मामले की जांच भी SIT ने की थी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान 327 लोगों के बयान दर्ज किए. इनमें पत्रकार, कई पीड़ित, डॉक्टर, पुलिस अधिकारी और सरकारी अधिकारी शामिल थे।
आपको बता दें की गुजरात हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच जस्टिस हर्षा देवानी और ए एस सुपेहिया ने पिछले साल अगस्त में ही इस मामले में सुनवाई पूरी कर दी थी। नरोदा पाटिया मामले में कुल 11 रिव्यू पिटीशन फाइल की गई थी, जिसमें एसआईटी के जरिए 4 पिटीशन फाइल की गई थी और सुनवाई पूरी होने के बाद अगस्त 2017 में कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।