नई दिल्ली: तीन तलाक बिल मंगलवार को लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी चर्चा के लिए लाया गया। इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस ने बिल सदन में पेश होने से पहले राज्यसभा में अपने सांसदों को व्हिप जारी की है। वहीं बीजेडी ने राज्यसभा में तीन तलाक बिल का समर्थन किया है। चर्चा के दौरान बिल का विरोध करते हुए टीमएसी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, आरजेडी, एनसीपी, बसपा, डीएमके, पीडीपी ने बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांगी की है। जेडीयू और एआईएडीएमके ने इसके विरोध में सदन से वॉकआउट किया।
आजाद ने कहा कि, इस बिल का असली मकदस मुस्लिम परिवारों को तोड़ना है। सरकार मुस्लिम महिलाओं के नाम मुसलमानों को निशाना बना रही है। सरकार की साजिश है, ना रहे बांस, ना बजेगी बांसुरी, अब इस बिल के जरिए वह घर के चिराग से ही घर में आग लगाना चाहती है। घर भी जल जाएगा और किसी को आपत्ति भी ना हो, दो समुदायों की लड़ाई में केस बनता है लेकिन बिजली के शॉट में किसी के जलने पर कोई केस नहीं बनता है।
आजाद ने कहा कि, बिल में हमने जो आपत्तियां दर्ज की थी, उन्हें नहीं हटाया गया। थोड़ी-बहुत सर्जरी जरूर की है। कांग्रेसी नेता ने कहा कि, इस्लाम में शादी सिविल अनुबंध है जिसे आप क्रिमिनल शक्ल दे रहे हैं। वॉरंट के बैगर पुलिस को जेल में डालने का हक दे रहे हैं। साथ ही तीन साल की सजा, भत्ता और बच्चों-बीवी का ख्याल रखने का प्रावधान भी आपने बिल में डाल दिया है।अगर किसी पति को सजा होती है तो क्या महिलाओं को सरकार अपनी तरफ से पैसा देगी, लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं है।
आजाद ने कहा कि हमारा मुल्क किसी मुस्लिम मुल्क का मोहताज नहीं है और ना ही किसी मुस्लिम के कहने से चलता है। देश के मुस्लिमों को देश पर गौरव है और हजारों सालों के साथ मिलकर रहते हैं। ना हम मुस्लिम देशों की नकल करते हैं और ना उनकी सोच रखते हैं। आजाद ने कहा कि किसी को पत्नी की शिकायत पर बीजेपी के किसी नेता को जेल भिजवा दीजिए फिर देखूंगा वो कैसे शांति से रहता है। यह प्रयोग पहले आप अपने किसी नेता के साथ करिए. फिर मैं खुद सदन में इस बिल को पास कराने के लिए कहूंगा।