नई दिल्ली: दिल्ली से लोकसभा सांसद हंसराज हंस ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी का नाम बदलने की वकालत की है। साथ ही उन्होंने पीएम मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को लेकर कहा कि यह सबको अच्छा लगा। उन्होंने यह बात जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक समारोह के दौरान कही। सांसद हंसराज हंस ने कहा, ‘खुशी इस बात की भी है कि कश्मीर अब वाकई जन्नत होने वाला है। 370 वाला मामला सबको अच्छा लगा है। अब दुआ करो सब लोग अमन और मोहब्बत से रहें। कम से कम बम नहीं चले। मेरी तो यही दुआ है कि बम ना चलाने पड़ें। बंदा इधर का मरे या उधर का, मारा जाता एक मां का बेटा ही है। चाहे बाद में परमवीर चक्र दें या धर्मवीर चक्र, मां का बेटा वापस नहीं आता।’
इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद-370 आतंकियों और उनके आकाओं के लिए ढाल बन गया था। इसके हटने से जम्मू-कश्मीर का विकास तेजी से होगा।
नागपुर में राज्य कानूनी सेवा प्राधिकारियों की 17वीं अखिल भारतीय बैठक के उद्घाटन से इतर प्रसाद ने कहा कि 370 के प्रावधानों को हटाने का फैसला जम्मू-कश्मीर ही नहीं पूरे देश के हित में है।
अन्य याचिकाकर्ताओं में जम्मू कश्मीर कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी हैदर तैयबजी, 2010-11 में जम्मू कश्मीर के लिए गृह मंत्रालय के वार्ताकारों में शामिल राधा कुमार, पंजाब कैडर के पूर्व आईएएस अमिताभ पांडे, केरल कैडर के पूर्व आईएएस गोपाल पिल्लई शामिल हैं।
पिल्लई 2011 में केंद्रीय गृह सचिव भी रह चुके हैं। इन लोगों ने अपनी याचिका में दावा किया है कि संशोधनों से उन सिद्धांतों पर गहरा आघात लगा है जिनके आधार पर जम्मू और कश्मीर का भारत में विलय हुआ था। इसमें कहा गया है कि संशोधन से पहले राज्य की जनता की राय या अनुमोदन नहीं लिया गया जोकि राज्य के संदर्भ में सांविधानिक अनिवार्यता है।