मुम्बई:नसीरुद्दीन शाह ने हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक आयोजित एक धर्म संसद में मुसलमानों के जनसंहार की अपील के सवाल पर कहा, ”अगर इन्हें पता है कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं, तो मैं हैरान हूँ. ये एक गृह युद्ध के लिए अपील कर रहे हैं. हममें से 20 करोड़ लोग इतनी आसानी से नष्ट होने वाले नहीं हैं. हम 20 करोड़ लोग लड़ेंगे।हम 20 करोड़ लोगों के लिए यह मातृभूमि है. हम 20 करोड़ लोग यहीं के हैं. हमारा यहाँ जन्म हुआ है. हमारे परिवार और कई पीढ़ियां यहीं रहीं और इसी मिट्टी में मिल गईं।
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मैं इस बात को लेकर निश्चिंत हूँ कि अगर इस तरह का कोई अभियान शुरू होता है तो कड़ा प्रतिरोध होगा और लोगों का ग़ुस्सा फूट पड़ेगा।नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा, ”यह मुसलमानों के बीच डर पैदा करने की कोशिश है, लेकिन मुसलमान हार नहीं मान लेंगे. मुसलमान इसका सामना करेंगे क्योंकि हमें अपना घर बचाना है, हमें अपनी मातृभूमि बचानी है, हमें अपना परिवार बचाना है, हमें अपने बच्चों को बचाना है. मैं मज़हब की बात नहीं कर रहा. मज़हब तो बहुत आसानी से ख़तरे में पड़ जाता है.’।
”यह मुसलमानों को असुरक्षित महसूस कराने की संगठित कोशिश है. यह शीर्ष से किया जा रहा है. सत्ताधारी पार्टी के लिए अलगाववाद नीति बन गया है. मैं यह देखने को उत्सुक था कि जिन्होंने मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा के लिए उकसाया, उनका क्या होगा. लेकिन यह सच है कि कुछ नहीं हुआ. हालाँकि यह हैरान करने वाला नहीं है क्योंकि उसके साथ भी कुछ नहीं हुआ जिसके बेटे ने किसानों को कुचला था।
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नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि वो सरकार से हैरान नहीं हैं. उन्होंने कहा, ”निश्चित तौर पर यह पूरी तरह से हैरान करने वाला नहीं है. यह निराशाजनक है लेकिन कमोबेश हमें यही उम्मीद थी. लेकिन चीज़ें जिस तरह से आ रही हैं वो मेरी आशंकाओं से भी बदतर हैं. इस तरह के उकसावों पर हमारा नेता ख़ामोशी ओढ़ लेता है.”