लखनऊ: अयोध्या विवाद आए सु्पीम कोर्ट के फैसले को लेकर आज यूपी की राजधानी लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक होने वाली है, जिसमें मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन लेनी है या नहीं इस पर चर्चा भी होगी, साथ ही इस मामले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए या नहीं इस पर भी मंथन होगा।
हालांकि शनिवार को लखनऊ के नदवा कॉलेज में मुस्लिम पक्ष की बैठक हुई थी, सूत्रों के मुताबिक मुस्लिम पक्ष और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने फैसले के खिलाफ पुनर्विचार अर्जी दाखिल करने का फैसला किया है, हालांकि इस बारे में कोई अधिकारिक बयान अभी सामने नहीं आया है।
रिव्यू पिटीशन का विकल्प
सूत्रों की मानें तो जफरयाब जिलानी और उनके कुछ समर्थक सदस्य रिव्यू पिटीशन दाखिल करने के पक्ष में हैं। इनका तर्क है कि कानूनी रूप से जब रिव्यू पिटीशन का विकल्प मिला हुआ है तो हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए, जबकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में एक बड़ा तबका है, जिनके तर्क हैं कि एक बड़ी समस्या का अंत हो गया है। ऐसे में हमें अब इस मामले को यहीं खत्म कर देना चाहिए। रिव्यू पिटीशन डालने से सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला बदलने वाला नहीं है। ऐसे में रिव्यू पिटीशन डालकर दोबारा से इस मुद्दे पर राजनीतिक करने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए।
एक अन्य वादी मोहम्मद उमर ने भी कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसा कहेगा, हम वैसे करने को तैयार हैं। हम अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने पर सहमत हैं। इस बारे में अंतिम फैसला मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को लेना है। प्रतिवादी हसबुल्लाह उर्फ बादशाह ने कहा कि वह भी पुनर्विचार याचिका दायर करने को तैयार हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस बारे में जो भी रणनीति बनाएगा हम उस पर पूरी तरह अमल करेंगे।