पिछले शुक्रवार को गुरुग्राम में नमाज के दौरान भी कुछ जगहों पर विवाद की खबरें आईं थीं। इसके बाद गुरुग्राम में खुले में नमाज पर शुरू हुए बवाल के बाद यह पहले जुमे की नमाज थी। यहाँ पर सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ने के विवाद मामले में गुरुग्राम प्रशासन और मुस्लिम समाज के लोगों के बीच एक सहमति बन गई है।
वीरवार करीब 4 घंटे तक मुस्लिम समाज के लोगों की गुरुग्राम पुलिस प्रशासन के साथ मीटिंग हुई जिसमें सहमति बनाई गई कि प्रशासन के पहरे में गुरुग्राम में करीब 37 ऐसी जगह चिन्हित की गई है जहां पर मुस्लिम समाज के लोग जुमे की नमाज अदा करेंगे। जिनमें से 13 जगह सार्वजनिक होंगे जैसे हुडा विभाग की जमीन, ए पाक या ग्रीन बेल्ट जबकि 24 ऐसी जगह होंगी जो कि ईदगाह है या फिर वक्फ बोर्ड की जमीन है लेकिन इस बात को लेकर मुस्लिम समाज नाखुश है।
गुरुग्राम प्रशासन ने गुरुवार को यह कदम उठाया और पुलिस को उन सभी जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को कहा है।
दरअसल 20 अप्रैल को वज़ीराबाद गांव के एक मैदान में जुमे की नमाज़ के दौरान कुछ हिन्दू संगठन के लोगों ने मुस्लिम लोगों को नमाज़ पढ़ने से रोक दिया था और वहां से भगा दिया था। इस घटना के बाद पूरे गुरुग्राम में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।
इस मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि नमाज खुले में पढ़े जाने की जगह मस्जिद या ईदगाह में ही पढ़ी जानी चाहिए। इन संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि खुले में नमाज पढ़ने की जगह 5 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ये जगहें किसी मंदिर के 2 किलोमीटर के दायरे के बाहर हों।