नई दिल्ली:जैसे जैसे आगामी लोकसभा चुनाव नजदीक आएंगे आरोप प्रत्यारोप सलाह आदि बढ़ते जाएंगे, यू तो सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भड़काव बयानबाज़ी के लिए पहचाने जाते है, लेकिन योगी आदित्यनाथ एक ऊंचे संवैधानिक पद पर बैठने के बाद भी एक दूसरो के धर्मो के ख़िलाफ़ भड़काव बयानबाज़ी करके वोट पाने की जुगत में है।
मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने योगी जी उस भाषण पर ज़ोरदार पलटवार करते हुए कहा है योगी जी को संविधान पढ़ना चाहिए,उलेमा ने योगी आदित्यनाथ के उस भाषण पर पलटवार किया जिसमें योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि देश फतवों से नहीं बल्कि संविधान से चलेगा। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर देवबंदी उलेमा का कहना है कि भारतीय संविधान ने ही उन्हें धर्म के अनुसार जिंदगी जीने का अधिकार दिया हुआ है।
मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि योगी जी की बात सही है कि देश संविधान से चलता है, लेकिन संविधान में यह भी लिखा हुआ है कि हर मजहब के मानने वालों को अपने मजहब को मानने की आजादी होती है। इसलिए योगी आदित्यनाथ को भारतीय संविधान को भी एक बार पढ़ लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार सभी मुसलमानों के मजहबी मामलात में दखलंदाजी कर रही है। जिससे उनकी नीयत का साफ पता लगता है। दारुल उलूम अशरफिया के मोहतमिम मौलाना सालिम अशरफ कासमी ने कहा कि लगातार मुसलमान और मदरसा विरोधी मुहिम चलाई जा रही है। कभी मदरसों के लिए नए फरमान जारी किए जाते हैं तो कभी मुसलमानों पर नए कानून थोपे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। जिसका लाभ आगामी लोकसभा चुनाव में उठाया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ कभी मदरसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात करते है तो कभी मदरसा छात्रों को कुर्ता पायजामा छोड़कर पेंट शर्तट पहनने की हिदायत देते है,जबकि संविधान हिदुस्तानी नागरिक को पूर्ण तरीके से ज़िन्दगी बसर करने करने की हिदायत देता है, बावज़ूद इसके यूपी सीएम योगी मुसलामानों को उनके तौर तरीकों से हटा कर अपनी मर्ज़ी से जीने की हिदायत देते है।