नई दिल्ली : पीएम केयर्स फंड पर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है, पीएम केयर्स फंड एक बार फिर से सवालों के घेरे में है लेकिन इस बार सवाल विपक्ष के किसी नेता ने नहीं बल्कि एक मोदी समर्थक ने ही लगाया है.
गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले विजय पारिख नाम के एक मोदी समर्थक ने पीएम केयर्स फंड में ढाई लाख रुपये दान किए, इसके बावजूद वह अपनी बीमार मां को अस्पताल में भर्ती नहीं करा सकें और उनकी मां मर गईं, विजय पारिख ने ट्विटर पर पीएम केयर्स फंड में ढाई लाख रुपये दान देने का स्क्रीनशाॅर्ट भी लगाया है.
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विजय ने लिखा है कि मैंने पीएम केयर्स फंड में 02 लाख 51 हजार रुपये का डोनेशन दिया, इसके बावजूद भी मैं अपनी मां को अस्पताल में बेड नहीं दिला सका, कृपा कर मुझे बताया जाए कि मुझे कोरोना की तीसरी लहर में बर्थ रिजर्व कराने के लिए और कितना दान देना होगा ताकि मैं अपने परिवार के किसी दूसरे सदस्य को इस महामारी में खो न दूं.
विजय पारिख के पिछले ट्विट्स देखें तो वो पूर्ण रुप से मोदी सरकार का गुणगान करते हुए नजर आ रहे हैं, हर छोटी से छोटी उपलब्धि के लिए विजय पारिख मोदी की जय जयकार करते हुए दिखाई देते हैं, चूंकि विजय पारिख मोदी समर्थक हैं तो उन्होंने अपने इस ट्विट में प्रधानमंत्री कार्यालय, आरएसएस, राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी और यहां तक की राष्ट्रपति भवन को भी टैग किया है और अपनी पीड़ा से अवगत करा दिया है.
विजय पारिख 2000 से ही ट्विटर पर सक्रिय हैं, वह पीएम मोदी के ट्विट्स को नियमित तौर पर रिट्वीट करते हैं, वह पीएम मोदी की सभी नीतियों का खुलकर समर्थन करते हैं, विजय पारिख ने नोटबंदी पर भी पीएम मोदी का जमकर समर्थन किया था, एक ऐसा व्यक्ति जो तन, मन और धन से मोदी की भक्ति करता हो, उसकी मां अगर इलाज के अभाव में मर जाए तो निश्चित तौर पर उसे पीड़ा होगी और इस पीड़ा को विजय पारिख ने ट्विटर के जरिए सार्वजनिक किया है.
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इसके बाद एक बार फिर से पीएम केयर्स फंड पर सवाल उठने लगे हैं, राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता लगातार पीएम केयर्स फंड पर सवालों की बौछार करते रहे हैं, कई लोग तो यहां तक आरोप लगाते हैं कि पीएम केयर्स फंड में दान में मिले पैसों को भाजपा चुनावों में अपने प्रचार पर खर्च करती है.
दिलचस्प बात तो यह है कि पीएम केयर्स फंड सूचना के अधिकार के दायरे में नहीं आता, यानी कि कोई भी सामान्य नागरिक पीएम केयर्स फंड पर सवाल नहीं पूछ सकता या उसका हिसाब नहीं मांग सकता.