बैंकों में घोटाले थम नहीं रहे हैं। और अब घोटालेबाजों ने एक दूसरे को फॉलो करना भी शुरू कर दिया है। नीरव मोदी की तर्ज पर ही हरियाणा की लकड़ी का उद्योग करने वाली एक कंपनी पर ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) के साथ 155 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार, कंपनी ने कथित तौर पर बैंक बुक में उल्लेख किए बिना फंड ट्रांसफर के लिए इंटरनैशनल बैंकिंग मैसेज का इस्तेमाल करके सिंगापुर में अपनी सहायक कंपनी की स्वीकृत क्रेडिट सीमाओं में हेरफेर कर बैंक के साथ धोखाधड़ी की। गौरतलब है कि पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) को 13,600 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने भी इसी तरह धोखाधड़ी की थी।
अधिकारियों ने बताया कि एमटीपीएल ने आयातित लकड़ी के व्यापार और आवरण में लगे हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ओबीसी और बैंक ऑफ बड़ौदा के एक संघ से 242.09 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया। बैंक को स्वीकृत नकद क्रेडिट सीमा को बढ़ाकर ओबीसी के साथ धोखाधड़ी की गई। इस तरह की धोखाधड़ी के लिय लैटर ऑफ़ मेमोरेंडम का उपयोग किया जाता है।
इसमें व्यपार करने वाली कंपनी के देश के कोई भी बैंक किसी अंतर्राष्ट्रीय बैंक को कंपनी को लोन लेने की अपील करता है। इसके बदले बैंक अंतर्राष्ट्रीय बैंक को कर्ज़ ना चुकाने पर उसे खुद देने की गारंटी भी देता है। ओबीसी की शिकायत पर सीबीआई ने महेश टिंबर प्राइवेट लिमिटेड (एमटीपीएल) के निदेशकों अशोक मित्तल और निशा मित्तल, बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक सुरेंद्र कुमार रंगा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रंगा को इस मामले मे बर्खास्त कर दिया गया है।