नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को केंद्र की एनडीए सरकार की अर्थव्यवस्था को लेकर आलोचना जाहिर की है। कांग्रेस सांसद सिंह ने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद कहा कि देश में मंदी है लेकिन मौजूदा सरकार इस पर ध्यान देने की जगह विज्ञापन देने में व्यस्त है। वहीं देश की अर्थव्यवस्था को लेकर उन्होंने अलग-अलग अखबारों को इंटरव्यू भी दिए हैं, जिसमें उन्होंने ना सिर्फ हालात पर चिंता जाहिर की है बल्कि कुछ उपाय भी सुझाए हैं।
मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा, आर्थिक मंदी और अपनी गलतियों को स्वीकारने के बजाय, सरकार ने अपनी गलतियों के लिए दूसरों को दोष देने पर ध्यान दिया है। भाजपा को मौजूदा संकट को स्वीकार करना चाहिए और अर्थव्यवस्था को ठीक करने के उपाय करने चाहिए। अपनी सरकार के समय की बात करते हुए सिंह ने कहा, पूर्ण बहुमत न होने के बावजूद भी कांग्रेस सरकारें दो बड़े वित्तीय संकटों से देश को उबारने में कामयाब रही। ये हमारी सटीक आर्थिक नीतियों का परिणाम था। आज भाजपा सरकार पूरी तरह दिशाहीन है, जिसके पास न नीति है और न ही नीयत।
बिजनेसलाइन को दिए इंटरव्यू में मनमोहन सिंह ने कहा, देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं। राजनीतिक ताकत का गलत इस्तेमाल करने या नोटबंदी जैसी ऐतिहासिक गलती करने के बजाय सरकार के लिए अगली पीढ़ी का स्ट्रक्चरल रिफॉर्म करने का सही वक्त आ गया है। सरकार इसके लिए कदम उठाए।
दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में मनमोहन सिंह ने कहा है कि देश मंदी से निकले, इसके लिए केंद्र सरकार को तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। इसके लिए जीएसटी को तर्कसंगत करना बहुत जरूरी है। इसके साथ-साथ सरकार को ग्रामीण खपत को बढ़ाने और कृषि सेक्टर को फिर से जीवित करने के लिए नए तरीकों को खोजना होगा। पूंजी निर्माण के लिए कर्ज की कमी को दूर करना होगा। कपड़ा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और किफायती आवास जैसे प्रमुख क्षेत्रों को पुनर्जीवित किया जाए। इनके सबके साथ-साथ मनमोहन सिंह ने अमेरिका-चीन में चल रहे ट्रेडवॉर के चलते खुल रहे नए निर्यात बाजारों को भी पहचानना होगा।