कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को आर्थिक मंदी के मुद्दे पर भाजपा सरकार पर हमला किया और उस पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि लोकतंत्र खतरे में है और सरकार उसे मिले जनादेश का गलत फायदा उठा रही है, ऐसे में सिर्फ सोशल मीडिया पर आक्रमक होना ही पयार्प्त नहीं है।
सरकार राजनीतिक बदले के लिए नेताओं को झूठे आरोप में फंसा रही है
गुरुवार को कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, लोकतंत्र खतरे में है और 2019 के जनादेश का खतरनाक तरीके से गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्षा ने कहा कि सरकार राजनीतिक बदले के लिए नेताओं को झूठे आरोप में फंसा रही है। ये सब देश की खराब आर्थिक हालत से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है। हमारे लिए यह परीक्षा की घड़ी है और हमें देश के लिए जुटकर काम करना पड़ेगा और हमें जनता की आवाज बनना पड़ेगा।
केवल सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना पर्याप्त नहीं : सोनिया
उन्होंने इस दौरान कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास एजेंडा होना चाहिए और केवल सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना पर्याप्त नहीं है। हमें और बेहतर करने की जरूरत है। हमारे लिए अब लोगों के पास जाना सबसे महत्वपूर्ण है। भाजपा सरकार स्वतंत्रता सेनानियों तथा गांधी, पटेल, अंबेडकर जैसे नेताओं के सच्चे संदेशों का गलत तरह से इस्तेमाल कर रही है। सोनिया गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था के ‘मुश्किल’ हालात पर चिंता जताई और कहा कि मौजूदा समय में कांग्रेस को आंदोलनकारी एजेंडे पर चलने की जरूरत है।
महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नहीं हुए शामिल
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई। वहीं पार्टी की इस महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद नहीं थे। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी इस बैठक में आने की पात्रता नहीं रखते हैं क्योंकि वह सिर्फ सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य मात्र हैं। इस बैठक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, केसी वेनुगोपाल और एके एंटनी समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता शामिल हुए। माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।