नई दिल्ली : राजद नेता शिवानंद तिवारी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने किसान आंदोलन को लेकर हाल में अंतरराष्ट्रीय हस्तियों द्वारा की गई टिप्पणियों का मुकाबला करने के लिए क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को मैदान में उतारा है.
शिवानंद ने कहा कि यह तेंदुलकर को भारत रत्न से सम्मानित करने का अपमान है, शिवानंद ने सवाल किया कि क्या केंद्र चाहता है कि तेंदुलकर जैसे लोगों के बयान की वजह से दुनिया किसानों के आंदोलन को अनदेखा कर दे.
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उल्लेखनीय है कि तेंदुलकर, रवि शास्त्री, विराट कोहली ने अक्षय कुमार और अजय देवगन के साथ केंद्र के आह्वान भारत सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ दुष्प्रचार का विरोध अभियान का समर्थन किया था.
केंद्र ने यह अभियान रिहाना, ग्रेटा थमबर्ग जैसी हस्तियों द्वारा किसान आंदोलन को समर्थन देने के बाद शुरू किया था.
तेंदुलकर ने ट्वीट किया था भारत की सम्प्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता, विदेशी ताकतें दर्शक हो सकती हैं लेकिन प्रतिभागी नहीं, भारत को भारतीय जानते हैं और वे ही भारत के लिये फैसला लेंगे, एक देश के रूप में एकजुट होने की जरूरत है.
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शिवानंद ने कहा किसान ट्विटर के बारे में नहीं जानते हैं, ट्विटर की यह राजनीति हाल में शुरू हुई है और सभी करते हैं, किसानों को ग्रेटा थनर्बग एवं रिहाना से क्या लेना देना? और आपने सचिन तेंदुलकर को उनके खिलाफ उतार दिया.
शिवानंद की इस टिप्पणी की भाजपा एवं उसकी सहयोगी जदयू ने कड़ी आलोचना की है एवं उनसे माफी की मांग की है.
शिवानंद के बयान की निंदा करते हुए भाजपा एवं जदयू ने इसे बेतुका एवं अवांछित करार दिया है.
निखिल आनंद ने कहा आज कल शिवानंद तिवारी हताश विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और सुर्खियों में बने रहने को बेकरार हैं, उनका सचिन तेंदुलकर के संबंध में दिया गया बयान बेतुका एवं अवांछित हैं, शिवानंद जी को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.