नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर डॉ. विरल आचार्य के इस्तीफा देने के बाद खाली हुए पद पर केंद्र सरकार ने माइकल पात्रा के नाम पर मुहर लगाई है। केंद्र सरकार ने माइकल पात्रा को तीन साल के लिए आरबीआई का डिप्टी गवर्नर नियुक्त करने की घोषणा कर दी है। बता दें कि वर्तमान में माइकल पात्रा आरबीआई में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं और वह 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति के सदस्य भी हैं। पूर्व डिप्टी गवर्नर डॉ. विरल आचार्य ने करीब 6 महीने पहले इस्तीफा दे दिया था।
2017 में आरबीआई के साथ करियर शुरू करने वाले माइकल पात्रा की मौद्रिक नीति को लेकर सोच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास से मेल खाती है। दास के दिसंबर 2018 में पद संभालने के बाद से रेपो रेट में लगातार तीन बार हुई कटौती में पात्रा ने हमेशा पक्ष में मतदान दिया है। बता दें इस पद पर परंपरागत रूप से केंद्रीय बैंक के बाहर के अर्थशास्त्रियों का चयन होता रहा है। डिप्टी गर्वनर का यह पद विरल आचार्य के इस्तीफा देने के बाद से खाली पड़ा हुआ है।
रिजर्व बैंक में पात्रा के अलावा एनएस विश्वनाथन, बीपी कानूनगो और एमके जैन के रूप में पहले से तीन डिप्टी गवर्नर हैं। शक्तिकांत दास आरबीआई के गवर्नर हैं।
आचार्य ने अपना कार्यकाल पूरा होने से छह माह पूर्व जुलाई, 2019 में इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, आचार्य ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा की बात कही थी लेकिन इस बात की अटकलें लगी थी कि विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार एवं केंद्रीय बैंक के बीच टकराव के कारण उन्होंने त्यागपत्र दिया था।