नई दिल्ली : पीएनबी में हुए 14 हज़ार कराेड़ के घोटाले के मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी की मुसीबतों में इजाफा हो गया है, डोमिनिका की सरकार ने उसे अवैध अप्रवासी घोषित कर दिया है.
चोकसी को कुछ दिन पहले डोमिनिका में रात के वक़्त तब गिरफ़्तार किया गया था, जब वह क्यूबा भागने की कोशिश कर रहा था, वह एंटीगुआ और बरबुड़ा से ग़ायब हो गया था और पुलिस जोर-शोर से उसकी तलाश में लगी हुई थी.
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डोमिनिका की सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा और गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि मेहुल चोकसी को 25 मई को अवैध या प्रतिबंधित अप्रवासी घोषित किया जा चुका है.
मंत्रालय की ओर से पुलिस को निर्देश दिया गया है कि उसे डोमिनिका देश की सीमा से बाहर कर दिया जाए, भारतीय एजेंसियां उसे लेने डोमिनिका भी गई थीं लेकिन वह इसमें खाली हाथ रहीं.
मंत्रालय की ओर से उसी दिन चोकसी को भी अलग से नोटिस भेजा गया है, इस नोटिस में कहा गया है कि उसे डोमिनिका में प्रवेश करने की इजाजत नहीं है, नोटिस के मुताबिक़, पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह चोकसी को उसके देश भेजने के लिए सभी ज़रूरी क़दम उठाए.
पीएनबी घोटाले के सामने आने के बाद चोकसी जनवरी, 2018 में भारत छोड़कर भाग गया था और उसके बाद से एंटीगुआ में ही रह रहा था, चोकसी के ग़ायब होने के बाद उसके वकील ने दावा किया था कि उसके मुवक्किल का अपहरण कर लिया गया है.
मेहुल चोकसी हनीट्रैप का शिकार हो गया है, वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ एंटीगुआ से डोमिनिका आया था और यहां उसे दबोच लिया गया, बताया गया कि इस महिला का नाम बारबरा जराबिका है और चोकसी पिछले छह महीने से उससे मिल रहा था, पत्नी और वकील ने आरोप लगाया था कि चोकसी को हनीट्रैप किया गया.
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मेहुल चोकसी ने दावा किया है कि एक बड़ा भारतीय नेता उससे बात करना चाहता था, उसने यह दावा एंटीगुआ पुलिस को दी गई शिकायत में किया है, चोकसी ने ख़ुद को अगवा किए जाने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई है और उसमें बारबरा जराबिका.
दो भारतीय- नरेंद्र सिंह व गुरमीत सिंह और अन्य अज्ञात लोगों के नाम हैं, शिकायत में कहा गया है कि जब अगवा करने वाले उसे डोमिनिका में ले गए तो वहां बताया गया कि एक भारत का एक बड़ा राजनेता उससे बात करेगा, इस राजनेता के नाम को लेकर सस्पेंस बना हुआ है, देखना होगा कि भारत सरकार को चोकसी को देश वापस लाने में कब सफलता मिलेगी.