अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर बैठक हुई। मुस्लिम धर्मगुरु और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता भी बैठक में मौजूद रहे। इस बैठक में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन और फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली भी उपस्थित थे।
मुस्लिम पक्ष की ओर से जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव महमूद मदनी, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी, फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली, शिया नेता कल्बे जव्वाद और कुछ अन्य लोगों ने भी मौजूदगी दर्ज कराई।
इस दौरान दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि 17 नवंबर से पहले आने वाले अयोध्या विवाद पर फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए। नकवी ने बैठक में कहा कि विविधता में एकता हमारी सांस्कृतिक प्रतिबद्धता है और एकता की इस ताकत की रक्षा करना समाज के सभी वर्गों की सामूहिक जिम्मेदारी है। नकवी ने प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “अब जब हमने यह बैठक की है तो मुझे यकीन है कि राष्ट्र शांति और सद्भाव के साथ फैसले को स्वीकार करेगा।”
उधर, केंद्र सरकार ने इस फैसले के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय शस्त्र पुलिस बल के करीब चार हजार जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है। यह पुलिस बल 18 नवंबर तक राज्य में तैनात रहेगा। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते सोमवार को ही इस संबंध में फैसला लिया है।
जिसमें मंत्रालय ने तुरंत प्रभाव से पैरामिलिट्री फोर्स की पंद्रह कंपनियों को भेजने की मंजूरी दी। मंत्रालय के आदेश के मुताबिक पैरा मिलिट्री फोर्स की 15 कंपनियों के अलावा बीएसएफ, आरएएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की तीन-तीन कंपनियां भेजने को भी मंजूरी दी गई है।