नई दिल्ली : दुर्गेश पाठक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शासित नार्थ एमसीडी के मेयर जयप्रकाश ने डुसिब की जमीन पर अवैध कब्जा कर के अपना घर बना लिया है।
दिल्ली पुलिस और डुसिब कई बार नार्थ एमसीडी से बिल्डिंग के निर्माण कार्य को रोकने की मांग कर चुकी है, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा में अगर नैतिकता बची है, तो नार्थ एमसीडी के मेयर जय प्रकाश को तत्काल पद से निलंबित करे। आम आदमी पार्टी, दिल्ली पुलिस से इस फर्जीवाड़े के लिए मेयर को गिरफ्तार करने की मांग करती है।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि महापौर किसी भी राज्य का प्रथम नागरिक होता है जो अपने व्यवहार और तौर-तरीकों से पूरे देश को संदेश देता है कि किस तरह का राज्य होगा, किस तरह की सत्ता होगी। किस तरह की सरकार चलाई जाएगी।
महापौर का पद संवैधानिक है। दुर्भाग्य से भारतीय जनता पार्टी के जो महापौर हैं उनका व्यवहार और चाल-चलन ऐसा है, उनकी कार्यप्रणाली ऐसी है कि इतनी पवित्र और बड़ी कुर्सी पर भी दाग लग गया। उसपर प्रश्न चिह्न लग गए। उस कुर्सी की जो मान-मर्यादा है वह भी बहुत नीचे गिर चुकी है।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर से संबंधित कुछ खास दस्तावेज पेश करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि ये दस्तावेज भारतीय जनता पार्टी के नॉर्थ एमसीडी के महापौर जय प्रकाश से संबंधित हैं। आज हम जयप्रकाश से जुड़े हुए कुछ मामलों का पूरा ब्यौरा सामने रखेंगे।
ये मकान की जो फोटो आप देख रहे हैं, यह सदर बाज़ार विधान सभा क्षेत्र में महापौर जय प्रकाश जी का घर है। इसका बिजली का बिल उनके बेटे के नाम पर आता है। यह जो पूरा का पूरा मकान है, इसे कब्जे में की हुई जमीन पर बनाया गया है। ये चार मंजिला मकान जहां पर बना हुआ है वह उनकी ज़मीन नहीं है।
उन्होंने डूसिब की ज़मीन को कब्जा करके बनाया है। डूसिब दिल्ली के अंदर जो झुग्गी झोपड़ी में गरीब लोग रहते हैं, सरकार के आदेश पर डीडीए और बाकी एजेंसियां डूसिब को उनके के लिए घर बनाने के लिए ज़मीन देती हैं।
ये घर डूसिब की ज़मीन पर बनाया गया है। जब यह घर बनना शुरू हुआ तो 18 जून 2019 में स्थानीय एसएचओ ने डिप्टी कमिश्नर को लिखा कि ये मकान अवैध तरीके से बन रहा है। ये ज़मीन इनकी नहीं है, इसपर कार्रवाई की जाए।
बारा हिंदूराव के स्थानीय एसएचओ ने लिखित में निगम के डिप्टी कमिश्नर से इसके खिलाफ ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
दुर्गेश पाठक ने बताया चूंकि डिप्टी कमिश्नर भारतीय जनता पार्टी के एमसीडी से हैं। उन्होंने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद 1 जुलाई 2020 को खुद डूसिब यानि कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने चिट्ठी लिखकर बताया कि ये ज़मीन हमारी है।
सबूत के लिए उन्होंने इससे संबंधित सभी दस्तावेज भी दिखाए। सर्वेक्षण कराने के बाद नोटिस भेजा कि ये जो आप पूरा का पूरा घर बना रहे हैं, ये ग़लत बना रहे हैं। ये डूसिब की ज़मीन है जिसपर आप कब्ज़ा कर रहे हैं। डूसिब की ओर से यह पहला नोटिस था जिसमे उन्होंने एमसीडी से घर को खाली कराने की मांग की।
दूसरा नोटिस 17 अगस्त 2020 को भेजा जिसमें उन्होंने कहा कि ये डूसिब की ज़मीन है, गरीबों की ज़मीन है जो झुग्गी झोंपड़ी में रहते हैं। उनके लिए मकान बनाकर देना है, इसपर कब्ज़ा कर के घर बनाया गया है। इसपर आप कार्रवाई कराएं, इस घर को खाली कराएं। इसको आप तोड़िए लेकिन एमसीडी ने इसपर कोई कदम नहीं उठाया क्योंकि जय प्रकाश उनके बॉस है।
प्रकाश जी की पार्टी एमसीडी के अंदर है। डूसिब ने कल फिर जयप्रकाश और उनके बेटे रितेश चावड़ी के नाम तीसरा कारण बताओ नोटिस भेजा है। इसमें उन्होंने कहा कि आपको 2 बार नोटिस भेजा जा चुका है।
ये भी पढ़ें : बजट के बाद महंगाई का झटका, कंपनियों ने बढ़ाए LPG सिलिंडर और पेट्रोल-डीजल के दाम
आपने अभी तक नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है और न कोई कार्रवाई की। हम आपसे 3 दिनों के अंदर जवाब देने की मांग करते हैं वर्ना डूसिब कार्रवाई करेगा।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि जब इस ज़मीन पर घर बनना शुरू हुआ, एसएचओ ने सबसे पहली शिकायत भेजी। दूसरी डूसिब के अधिकारियों ने भेजी और कहा कि ये हमारी ज़मीन है। आप इसपर कब्ज़ा कर रहे हैं।
इसके बाद उन्होंने दूसरा और तीसरा नोटिस भेजा। आप देखिए यह कितनी गंभीर बात है। जब मैंने कहा कि ये जय प्रकाश का मकान है जिसे कब्जा कर ज़मीन पर बनाया गया है तो सभी पत्रकारों की आंखें सवालों से भर गई।
महापौर का पद संवैधानिक और पवित्र पद होता है। अगर किसी राज्य का महापौर सरकारी खजाने का मालिक होता है। सभी अधिकारियों का मालिक होता है। अगर वह खुद सरकारी जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दे तो उसके बाद लोकतंत्र के अंदर क्या ही बचता है।
यह अलग तरह की तानाशाही हो गई कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर लेंगे, पैसे भी खा लेंगे और अन्य तरह के अवैध काम भी कर लेंगे।
दुर्गेश पाठक ने कहा कि हमने आज आपको जो दस्तावेज दिखाए हैं वह अपने आप में सबूत है कि कितना गलत और अनैतिक काम भारतीय जनता पार्टी के नेता कर रहे हैं। अब प्रश्न यह है भारतीय जनता पार्टी इस पर क्या करती है।
दिल्ली की जनता भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश और उनके सभी नेताओं की तरफ देख रही है। जय प्रकाश से कोई अपेक्षा नहीं है क्योंकि वह खुद दोषी हैं। मैं भारतीय जनता पार्टी से पूछना चाहता हूं इतना देखने के बाद अगर आपके पास जरा सी भी नैतिक ताकत बची है तो आप महापौर को तुरंत उनके पद से हटाइए।
मैं दिल्ली पुलिस से मांग करता हूं, क्योंकि यह अवैध तरीके से कब्जा किया गया है। जिसके लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार किए। बिजली का बिल लेने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए गए हैं। इस पूरे के पूरे फर्जीवाड़े को बंद करें।
मैं कमिश्नर और पुलिस से पूछना चाहता हूं कि आप दिल्ली के अंदर जिस फोर्स का नेतृत्व कर रहे हैं क्या आपके के अंदर इतना नैतिक अधिकार है कि आप दिल्ली की भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कोई कदम उठाएंगे। मैं आदेश गुप्ता और भारतीय जनता पार्टी के सारे कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं क्या आप एक ऐसे महापौर के साथ रहेंगे जो सरकार की जमीन कब्जा करता है।
आप गलियों में जय श्री राम का जाप करते घूमते हो, क्या भगवान राम ऐसी हरकत की मंजूरी देते हैं? किस नैतिक अधिकार के साथ आप जनता के पास जाओगे और उनसे वोट की मांग करोगे? आपके पास कोई नैतिक अधिकार नहीं बचता है।
अगर आप अपने महापौर जयप्रकाश को उनके पद से निष्कासित नहीं करते हैं और अगर भारतीय जनता पार्टी, दिल्ली की पुलिस जयप्रकाश के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती है तो भारतीय जनता पार्टी की सारी की सारी नैतिकता यहीं पर खत्म हो जाती है।