नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों की धड़कनें अब बढ़ने लगी हैं। 23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजों के साथ ही तय हो जाएगा कि देश के प्रधानमंत्री का ताज किसके सिर सजेगा।
भारतीय जनता पार्टी के नेता दावा कर रहे हैं कि इस बार 2014 से भी ज्यादा सीटें हासिल कर वो केंद्र में एक बार फिर मोदी सरकार बनाएंगे। वहीं, विपक्ष ने भी 23 मई के बाद सरकार गठन की परिस्थितियों को लेकर सहयोगी दलों से बातचीत शुरू कर दी है।
इसी सियासी हलचल के बीच कभी बसपा के कद्दावर नेताओं में शामिल रहे और वर्तमान में यूपी की बिजनौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती को लेकर एक बड़ी भविष्यवाणी की है।
कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बुधवार को यूपी के बलिया में एक बड़ा बयान देते हुए कहा, ’23 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती महागठबंधन का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी से जाकर मिल जाएंगी।
मायावती इससे पहले भी भाजपा के समर्थन से यूपी में सरकार बना चुकी हैं। चुनाव नतीजों के बाद मायावती के ऊपर इस तरह का दबाव बनाया जाएगा कि वो भाजपा से जाकर मिल जाएंगी।
महागठबंधन में शामिल सपा मुखिया अखिलेश यादव या आरएलडी के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने कभी भी खुलकर यह नहीं कहा है कि प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर वो मायावती का समर्थन करते हैं। अखिलेश यादव ने केवल इतना भर कहा है कि देश का अगला प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से होगा, तो ऐसे में मायावती के प्रधानमंत्री बनने का सवाल ही नहीं उठता।’
दोबारा बहुजन समाज पार्टी में जाने के सवाल पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, ‘मैं अब कभी बसपा में वापस लौटकर नहीं जाऊंगा, बसपा में वापस जाने का सवाल ही नहीं उठता है, मैं अब कांग्रेस में हूं और अपनी आखिरी सांस तक कांग्रेस में ही रहूंगा। मैं मायावती को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं और वैसे भी राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं होता।
23 मई के बाद मायावती के भाजपा से हाथ मिलाने के बाद समाजवादी पार्टी को देशहित में कांग्रेस के साथ गठबंधन करना ही होगा। इस लोकसभा चुनाव में भी लोग कांग्रेस के साथ हैं और 23 मई के बाद कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। देश की जनता अब राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहती है।’