नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती ने नागरिकता संशोधन कानून, नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर और एनआरसी को लेकर जारी विरोध और विवाद के बीच बहुत बड़ा बयान दिया है। हालांकि, उन्होंने भाजपा पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया है, लेकिन साथ ही साथ हिंसक विरोध को लेकर भी सख्त आपत्ति जताई है। उन्होंने दो टूक कहा है कि विरोध ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी कि धार्मिक भावना को ठेस पहुंचे और न ही देश का माहौल बिगाड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में लगभग 130 करोड़ आम जनता को सही संवैधानिक आधार पर भारतीय मानने की बजाए हिन्दू मानने की संघ और भाजपा सरकार कीसंकीर्ण एवं सांप्रदायिक मानसिकता का ही परिणाम है कि संविधान की मूल मानवतावादी भावना हर जगह नष्ट होती दिखाईदे रही है।
मायावती ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा किएनआरसी और सीएए के विरोध में युवा वर्ग सड़कों पर उतरा है। इससे भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार की नींद उड़ी हुई है। इसीलिए इसको विफल करने की नीति के कारणभाजपा शासित राज्योंमें हिंसा देखने को मिल रही है।
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। इस कानून को लेकर उत्तर प्रदेश और असम समेत कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन भी देखने को मिले हैं। इस दौरान कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। इन विपक्षी दलों का दावा है कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान और मुसलमानों के खिलाफ है।
वहीं, मोदी सरकार विपक्षी दलों के इस दावे को सिरे से खारिज करती आ रही है। सरकार का कहना कि नागरिकता संशोधन कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ना के शिकार हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है। इससे किसी की नागरिकता नहीं जाएगी।