लखनऊ: राहुल गांधी के ‘मैं सावरकर नहीं हूं’ बयान पर राजनीति कम होने का नाम नहीं ले रही है। शिवसेना के बाद अब मायावती ने भी ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि शिवसेना अपने मूल एजेण्डे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?
अतः इनको, इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिए। वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जाएगी।
बात दें, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में बीजेपी की तरफ से की गई माफी की मांग पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनका नाम ‘राहुल सावरकर’ नहीं है, उनका नाम राहुल गांधी है और वह सच बोलने के लिए माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा कि माफी नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को इस देश से मांगनी चाहिए। राहुल गांधी ने रामलीला मैदान में कांग्रेस की ओर से आयोजित ‘भारत बचाओ रैली’ में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, कल संसद में भाजपा के लोगों ने कहा कि आप अपने भाषण के लिए माफी मांगिए।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की सियासत में जल्द ही एक नई पार्टी का उदय होने वाला है। ऐसे में बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं, क्योंकि भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने राजनीति में उतरने का ऐलान कर दिया है। बताया जा रहा है कि भीम आर्मी के चुनावी मैदान में उतरने से बसपा के परम्परागत वोटबैंक पर असर पड़ेगा। गौरतलब है कि चंद्रशेखर के इस ऐलान से कभी यूपी की सत्ता पर काबिज रही मायावती के लिए राजनीतिक चुनौती और बढ़ती दिख रही है।