गुजरात हाई कोर्ट ने साल 2002 के नरोदा पाटिया दंगा मामले में दायर अपीलों पर फैसला सुना दिया है। गुजरात हाई कोर्ट ने आरोपी बाबू बजरंगी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, इस मामले में पूर्व मंत्री माया कोडनानी को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया है।
इस मामले में शुक्रवार को क्लीन चिट मिलने के बाद गुजरात सरकार में पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता माया कोडनानी ने खुद को अपने घर में काफी वक़्त के लिए बंद रखा। कोडनानी अहमदाबाद के पॉश श्यामल इलाके के अपने दोमंजिला बंगले में रहती हैं। दरअसल कल जब गुजरात हाई कोर्ट ने उन्हें बरी करने का फैसला सुनाया तो माया कोडनानी रोने लगी थीं। कोडनानी के सुरक्षा गार्ड ने बताया कि फैसला आने के करीब घंटे भर बाद तक वह रोती रहीं।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार नरोदा पाटिया दंगा मामले का फैसला आने के बाद उन्हें अमेरिका से उनके बेटे मोनिश, उनकी बहन लता और भाई नारायण मेघाणी का फोन आया था।
माया के छोटे भाई नारायण मेघानी ने फैसले के बाद कहा, ‘पिछले 10 साल से हम ट्रॉमिक कंडीशन में जी रहे थे. हमें परमेश्वर पर सबसे ज्यादा भरोसा था और भारत की न्यायपालिका में विश्वास रखे हुए थे कि एक न एक दिन सच की जीत होगी। हमें पता है कि 16 साल पहले नरोदा पाटिया में क्या हुआ था। वहां मरे 97 लोगों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं. इसके साथ ही हम ये कहना चाहते हैं कि माया वहां पर नहीं थीं।
इस केस की पूरी सुनवाई के दौरान माया के साथ रहीं उनकी बहन लता ने फैसले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया था।
माया के घर के गार्ड ने बताया कि इस मामले में कोर्ट का फैसला सामने आने के बाद नरोदा से माया के कुछ समर्थक मिठाई और पटाखे लेकर आए थे लेकिन मैडम ने किसी को भी पटाखे फोड़ने की इजाजत नहीं दी, इसलिए वे लोग अपने पटाखे लेकर वापस चले गए।