भारतीय जनता पार्टी जब से केंद्र की सत्ता में आई है। तब से ही उन्होंने देश के संविधान के साथ छेड़छाड़ और शरीयत को नुकसान पहुंचाने का काम ही किया है। इस मामले में देश के मुसलमानों के सबसे बड़े सामाजिक संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल मैं ना तो कभी संविधान को क्षति पहुंचाई गई और ना ही कभी शरीयत के साथ छेड़छाड़ की गई। जब से केंद्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी आई है। तब से यह हालात है कि देश का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ जा रहा है।

हाल ही में मीडिया के साथ बातचीत करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि कांग्रेस ने मुसलमानों को ऐसा नुकसान कभी नहीं पहुंचाया था। जैसा मोदी सरकार के राज में पहुंच रहा है। मोदी सरकार के कार्यकाल में संविधान भी खतरे में है हमें फिरकापरस्त ताकतों से ज्यादा खतरा है। साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ जो भी खड़ा होगा, हम उसके साथ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने बेहिसाब नुकसान पहुंचाया है। उसने संविधान के साथ—साथ हमारे शरई अधिकारों पर भी चोट की है। कांग्रेस मुसलमानों की दुश्मन जरूर है लेकिन उसने हमारे संविधान को क्षति नहीं पहुंचाई है।
इसके साथ मौलाना अरशद मदनी ने उत्तर प्रदेश में हुए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह गठबंधन होना चाहिए था। क्योंकि धर्मनिरपेक्षता तो कि इस वक्त देश में बहुत ज्यादा जरूरत है। हम हमेशा से ही ऐसी ताकतों के हिमायती रहे हैं। इसके साथ उन्होंने कहा कि हम भारत के हर जिम्मेदार नागरिक का यह दायित्व है कि वह इस बार के लोकसभा चुनाव में देश के लोकतंत्र संविधान को हानि पहुंचाने वाले विघटन कारी सियासी ताकतों को सत्ता से बेदखल कर दे। इसके साथ उन्होंने मदरसों को आतंकवाद का अड्डा बताए जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मदारिस पर जो हमले हो रहे हैं वे नाकाबिल—ए—बर्दाश्त हैं। मुसलमानों को चाहिये कि वे अपने चरित्र से इस बात को साबित करें कि मदरसे अपने विद्यार्थियों को चरित्रवान बनाने के केन्द्र हैं।